आईएनएस ने सरकार से बढ़ी सीमा शुल्क को वापस लेने की अपील की
आईएनएस ने सरकार से बढ़ी सीमा शुल्क को वापस लेने की अपील की
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नई दिल्लीः इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) की कार्यकारी समिति ने शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलाई जिसमें भारत सरकार से अखबार के कागज (न्यूजप्रिंट), अखबारों के मुद्रण में इस्तेमाल होने वाले बिना कोट वाले कागजों और पत्र-पत्रिकाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले हल्के कोट के कागजों पर लगाए गए 10 प्रतिशत सीमा शुल्क को वापस लेने की अपील की गई।

भारत में मानक न्यूजप्रिंट की कुल खपत 25 लाख टन है और स्वदेशी मिलों की क्षमता महज 10 लाख टन है। ऐसा माना जाता है कि अखबार के कागज बनाने वाले भारतीय उत्पादकों ने सरकार के सामने गलत जानकारी रखी है कि वह तमाम जरूरतों को पूरा करने की स्थिति में हैं। पिछले साल विश्व भर में न्यूजप्रिंट की जबर्दस्त कमी हुई थी लेकिन भारतीय उद्योग महज 12,726 टन न्यूजप्रिंट निर्यात कर पाया था जिससे पता चला कि भारत के पास आदर्श क्षमता नहीं थी और छोटे उत्पादकों ने सरकार को जो क्षमता दिखाई थी वह गलत थी।

समिति ने बैठक में कहा कि समाचारपत्र एवं पत्रिकाओं के प्रकाशक विज्ञापन से मिल रहे कम राजस्व, ऊंची कीमतों और दिग्गज कंपनियों की तरफ से किए जा रहे डिजिटल प्रहार जैसे कारकों से पहले से ही वित्तीय दबाव झेल रहे हैं। इसने कहा कि छोटे एवं मध्यम अखबार इस सीमा शुल्क के लागू होने से और नुकसान में चले जाएंगे और कई को मजबूरन अखबार बंद भी करना पड़ सकता है। समिति ने कहा कि इसलिए आईएनएस इस असहनीय बोझ को हटा कर भारतीय अखबार उद्योग को बचाने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की अपील करता है।

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