नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने गृह मंत्रालय को उन आईपीएस अधिकारियों की सूची बनाने का निर्देश दिया है, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. बता दें कि यह निर्देश एक आरटीआई याचिका के जवाब के लिए मांगे गए हैं.
उल्लेखनीय है कि आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने एक याचिका के माध्यम से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के देश भर के उन अधिकारियों का ब्योरा मांगा है जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दायर किए गए हैं.जबकि इसके जवाब में गृह मंत्रालय के मुख्य सूचना अधिकारी ने यह कह कर मामला टाल दिया कि पुलिस विभाग में इस तरह का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है.गृह मंतालय ने यह आरटीआई याचिका नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) को भेज दी.
इस बारे में खुद पूर्व आईपीएस अधिकारी रह चुके यशोवर्धन आजाद ने गृह मंत्रालय की कार्य शैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि याचिका को एनसीआरबी भेजते समय दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया. एनसीआरबी के पास समग्र सूचना होती है. वह व्यक्तिगत याचिका की सुविधा के अनुसार आंकड़ों का रिकॉर्ड नहीं रखता. इसलिए इस मामले में सूचना गृह मंत्रालय को ही देनी चाहिए, क्योंकि पुलिस अधिकारियों की सेवा शर्तों पर नजर रखना मंत्रालय का काम है. इसमें आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शामिल है, क्योंकि उन्हें अधिकारियों के व्यक्तिगत रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है.सूचना आयोग ने चार हफ्ते में यह सूची बनाकर उपलब्ध कराने को कहा, क्योंकि आवेदक नूतन ठाकुर को जवाब देना है.
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