Jun 08 2016 06:06 AM
सुपौल: पंचायत चुनाव के बीच महंगाई ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. खाद्य वस्तुओं में अचानक हुई मूल्य वृद्धि से मध्यम और निम्न वर्गीय परिवारों की परेशानियां बढ़ा गयी है. जानकार इसे मुनाफा खोरों की करतूत बता रहें हैं.
जानकारी के अनुसार, सरकार और प्रशासन का बाजार पर ठोस अंकुश नहीं रहने के कारण कालाबाजारी करने वाले माफिया इस महंगाई के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है. बहरहाल आम उपभोक्ताओं के लिये यह महंगाई किसी अनचाहे मुसीबत से कम नहीं है.
केवल दो माह के अंदर अरहर, मसूर, चना जैसे दालों के कीमत में प्रति किलो 15 से 20 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. वहीं चीनी के दाम में 05 से 06 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है.
महंगाई का असर सब्ज़ी बाजार पर देखा जा सकता है. एक माह पहले तक 20 रुपये किलो मिलने वाला परवल अब वर्तमान में 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. वहीं 12 रुपये बिकने वाला बैंगन अब 40 रुपये किलो बाजार में उपलब्ध है.
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