डिफाल्टर के खाते में डाल दिया वास्तविक हकदार वाले व्यक्ति का पैसा
डिफाल्टर के खाते में डाल दिया वास्तविक हकदार वाले व्यक्ति का पैसा
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इंदौर। भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत से ऐसे भी मामले प्रकाश में आ रहे हैं, जिन पर सहसा विश्वास ही नहीं होता। हम आपसे प्रश्न करते है की क्या कोई भी सरकार किसी एक व्यक्ति के खाते का पैसा दूसरे व्यक्ति को दे सकती है? आपका जवाब होगा नहीं, लेकिन भ्रष्ट तंत्र ने ऐसा कर डाला है। गजब यह कि जिसके खाते में पूरा पैसा डाल दिया वह डिफॉल्टर है, जबकि वास्तविक हकदार डेढ़ साल से पैसों के लिए भटक रहा है। 

आपको बता दे कि इस विकलांग व्यक्ति विजय बैरागी की देवास जिले में नेवरी इंडेन गैस एजेंसी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गांव नेवरी में 1 जून 2014 को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हुए सामूहिक विवाह के लिए 321 गैस कनेक्शन शासन ने उनकी एजेंसी से लिए। सरकारी रेट से भी सस्ती दर पर सप्लाई के बावजूद उनका 15 लाख 32 हजार 775 रुपए का बिल डेढ़ साल से अटका हुआ है। डिफॉल्टर के पौ-बारह इसी विवाह कार्यक्रम के लिए बर्तन आदि सप्लाई करने वाले कंचन स्टील पैलेस, देवास के संचालक रमेश चंद्र अग्रवाल को पुलिस ने उसी 1 जून की शाम ही गिरफ्तार कर लिया था।

मामला कोर्ट में है। उन पर आरोप था घटिया माल सप्लाई करने का। तत्कालीन देवास कलेक्टर ने 6 जून को बर्तन व्यापारी का भुगतान रोकने का कहा, लेकिन दो महीने बाद ही 11 अगस्त को 25 लाख 53 हजार रूपये उसे भुगतान कर दिए गए। एजेंसी संचालक विजय और उनकी मां उर्मिला बैरागी ने बताया कि जब सामाजिक न्याय विभाग में 15.32 लाख का बिल लगाया तो उन्हें कहा गया कि 4 लाख रूपये दोगे तभी बिल पास होगा। रिश्वत के पैसों की जुगाड़ का रास्ता भी विभाग के कर्मचारियों ने ही बता दिया।

 

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