इंदौर: कोरोना महामारी के कारण देश की आर्थिक व्यवस्था पर भारी असर पड़ा है इस बीच सरकार द्वारा कई नियमों में बदलाव किए गए है। वही इंदौर नगर निगम द्वारा जल कर तथा कचरा संग्रहण शुल्क बढ़ाने के निर्णय को वापस ले लिया गया है। मंत्री तुलसी सिलावट ने रेसीडेंसी कोठी पर इसका ऐलान किया। इस के चलते सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया तथा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे भी उपस्थित थे।
वही मंत्री सिलावट ने कहा कि मंत्री भूपेंद्र सिंह से बातचीत के पश्चात् कर वृद्धि स्थगित हुई है। गौरतलब है कि नगर निगम द्वारा कर बढ़ाए जाने का विरोध आरम्भ हो गया था, कांग्रेस के साथ बीजेपी नेताओं ने भी इसको लेकर आपत्ति दर्ज की थी। आज प्रातः कांग्रेस ने बड़ा गणपति चौराहे पर इसको विरोध प्रदर्शन किया था।
साथ ही इंदौर में शहरवासियों पर साल 2016 में कचरा संग्रहण शुल्क लागू किया गया था। इसके पहले संपत्तिकर का 50 फीसद स्वच्छता कर लिया था। अर्थात, विजय नगर इलाके में जो परिवार 1900 रुपये संपत्तिकर देता था उसे प्रतिवर्ष स्वच्छता शुल्क के नाम पर 425 रुपये देना होता थे। यह राशि संपत्ति कर में सम्मिलित रहती थी। किन्तु बढ़े कर में 5320 रुपये देना पड़ते, जो 10 गुना अधिक है।
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