मेनका को राजनीति में साथ रखना चाहती थी इंदिरा गांधी
मेनका को राजनीति में साथ रखना चाहती थी इंदिरा गांधी
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नई दिल्ली: भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी और उनकी बहू मेनका गांधी के संबंधों को लेकर खुलासा हुआ है कि इंदिरा गांधी अपनी छोटी बहू मेनका गांधी को भी अपने ही साथ रखना चाहती थीं. हाल ही में यह बात सामने रखी है इंदिरा गांधी के निजी चिकित्सक पी माथुर ने. जी हां, उन्होंने द अनसीन इंदिरा गांधी में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर जानकारी दी थी।

जिसमें यह कहा गया कि इंदिरा अपनी बहू मेनका गांधी को राजनीति में सहायता करना चाहती थीं और वे चाहती थीं कि वे उनके साथ ही रहें लेकिन मेनका ऐसे लोगों के साथ में थीं जो कि राजीव गांधी के विरोधी थे. इस मामले में माथुर ने लिखा कि दिवंगत प्रधानमंत्री का सोनिया गांधी को लेकर काफी लगाव था. हालांकि जब संजय गांधी की मृत्यु हुई तो उन्होंने मेनका की ओर झुकाव रखना भी शुरू कर दिया।

मेनका की राजनीतिक समझ अच्छी थी. इंदिरा गांधी मेनका के विचारों पर अधिक ध्यान देती थीं. जब संजय गांधी का निधन हो गया तो कुछ वर्षों बाद मेनका गांधी ने प्रधानमंत्री आवास छोड़ दिया. संयज गांधी की विचारधारा को आगे ले जाने के लिए संयज विचार मंच बन गया. हालांकि राजीव गांधी के विवाह के बाद सोनिया गांधी और इंदिरा गांधी में तालमेल बहुत जल्दी ही स्थापित हो गया था. डाॅ. माथुर ने 18 मई 1974 को होने वाले परमाणु परीक्षण का उल्लेख भी किया. उनकी पुस्तक में 1975 को लगाए जाने वाले आपातकाल का उल्लेख भी किया गया। 

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