भारत के पूर्वी घाट पर्वतीय क्षेत्र से जुडी कुछ बातें जो आपके ज्ञान-विज्ञानं के लिए होगीं सहायक
भारत के पूर्वी घाट पर्वतीय क्षेत्र से जुडी कुछ बातें जो आपके ज्ञान-विज्ञानं के लिए होगीं सहायक
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पूर्वी घाट भारत में ओडिशा से लेकर तमिलनाडु तक विस्तृत पर्वतीय क्षेत्र है, जोकि वर्तमान में बड़ी-बड़ी नदियों द्वारा विच्छेदित होकर एक असतत श्रंखला के रूप में बदल गया है| पश्चिमी घाट की तुलना में पूर्वी घाट का अपरदन अधिक हुआ है. चेन्नई के दक्षिण-पश्चिम में शेवरोय व पालनी पहाड़ियों के रूप में पूर्वी घाट पश्चिमी घाट से मिल जाता है.

पालिकोंडा, नल्लामला, वेलिकोंडा, पालनी, शेवरोय, जावादी आदि पूर्वी घाट की प्रमुख पहाड़ियाँ हैं| पूर्वी घाट के मध्य भाग में दो समानान्तर पहाड़ियाँ पायी जाती हैं, जिनमें से पूर्वी पहाड़ियों को वेलिकोंडा श्रेणी और पश्चिमी पहाड़ियों को पालिकोंडा-लंकामल्ला-नल्लामला श्रेणी कहा जाता है|भारत के सबसे बड़े बाघ रिजर्वों में से एक, नागार्जुन सागर-श्रीसैलम बाघ रिजर्व, पूर्वी घाट की नल्लामला पहाड़ियों में ही स्थित है| कारांठामलाई (Karanthamalai) पूर्वी घाट के दक्षिणी भाग में स्थित है और सिरुमलाइ (Sirumalai) पहाड़ियाँ  भी दक्षिणी तमिलनाडु में स्थित हैं.

गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी, पालार, पेन्नेरु आदि नदियां पूर्वी घाट के आर-पार बहती हुई पूर्वी तटीय मैदान के सहारे अवसादों का निक्षेपण कर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती हैं| इन नदियों के कारण पूर्वी घाट बीच-बीच में से कट गया है और पश्चिमी घाट के विपरीत एक असतत श्रंखला में बदल गया है| इसकी ऊंचाई भी पश्चिमी घाट की तुलना में कम है.

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