नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र संघ में लंबे समय में स्थायी सदस्यता की मांग रखने वाले भारत को बड़ा झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने बदलाव के प्रस्तावों को अगले सत्र के लिए टाल दिया है। अब इस पर काफी बार बहस हो चुकी है और अंततः बुधवार को एकमत होकर बदलाव के फैसले को अगले सत्र के लिए टाल दिया गया।
भारत के साथ ब्राजील, जापान और जर्मनी ने संयुक्त बयान में कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि 70 सालों में संयुक्त राष्ट्र आम सभा में इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर किसी सहमति पर नहीं पहुंच पाया। चारों देशों की ओर से बोलते हुए ब्रजाली का प्रतिनिधित्व करने वाली एनटोनियो पैत्रिओटा ने कहा कि इन प्रस्तावों को हम जितना आगे खीचेंगे, यूएनओ का महत्व उतना ही कम होता जाएगा।
बता दें कि उपरोक्त चार देश स्तायी सदस्यता पाने के लिए अगली पंक्ति में खड़ा है। लगभग 20 साल के लगातार प्रयास के बाद बीते वर्ष इस प्रस्ताव को गति मिली थी। इन चार देशो को जी-4 कहा जाता है। इस प्रस्ताव को स्वीकारे जाने के बाद एक सार्थक चर्चा की उम्मीद हो सकती थी। बदलाव के लिए तैयार किए गए वक्तव्य को एक सर्वे के आधार पर तैयार किया गया था।
इसे जमैका के कोर्टनी रैटरी ने बनाया था। वे इंटर गवर्नमेंटल नेगोशिएशन के चेयरपर्सन रह चुके है। इसका काम काउंसिल में बदलाव के प्रस्ताव को तैयार करना था। इस प्रस्ताव को पिछली आम सभा के अध्यक्ष सैम कुटेसा के विशेष जोर देने पर स्वीकार किया गया था।