भारत के सबसे पहले ब्लेड रनर और सेना में कारगिल युद्ध लड़ने वाले मेजर देवेंद्र पाल सिंह एक एनजीओ चलाते है, जिसका नाम है ''द चैलेंजिंग वंस'' (टीसीओ). इस एनजीओ के द्वारा देवेंद्र पाल सिंह का सपना देश के लिए पदक जीतने के लिए समर्पित खिलाड़ियों को सशक्त बनाना है. खुद देवेंद्र पाल सिंह ने भी पहले पैरालम्पिक्स में हिस्सा लेने की कोशिश की लेकिन बाद में उन्होंने देश के युवाओ को प्रशिक्षण देने का फैसला किया है, जिससे देश को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पदक मिल सके और उनके द्वारा युवाओ का आत्मविश्वास बढ़े.
उल्लेखनीय है कि 44 वर्षीय मेजर देवेंद्र पाल सिंह ने पैराएथलीटों को सक्षम बनाने के लिए एक ''द चैलेंजिंग वंस'' (टीसीओ) नाम से एनजीओ की शुरुआत की है. इस एनजीओ में 1400 सदस्यों के परिवार में से 400 विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों में आत्मविश्वास बढ़ाने का काम किया है. देवेंद्र पाल सिंह का कहना है कि ''मैंने खुद जीतने के बजाय, उन लोगों को सशक्त बनाने का फैसला किया जो पदक जीतने के लिए समर्पित थे.''
बता दे कि मेजर देवेंद्र पाल सिंह ने दिव्यांगों को प्रेरित करने के लिए भी इस एनजीओ को बनाया ही जिससे की पैरालम्पिक्स में भागीदारी करने के लिए युवा आगे आए. देवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि- हां, मेरी इच्छा पैरालम्पिक्स में खेलने की थी और मुझे पूरा यकीन है की विशेष रूप से सक्षम किसी भी व्यक्ति का यह सपना होगा. में उन समर्पित युवाओं को सक्षम बनना चाहता हु ताकि वह देश के लिए पदक ला सके.
मिलिए इंडियन उसैन बोल्ट से : निसार अहमद
Film Review: साइंस फिक्शन लवर को मिस नहीं करनी चाहिए...'ब्लेड रनर 2049'