शिशु मृत्यु दर से परेशान सरकार, राजस्थान में चलाया स्तनपान अभियान
शिशु मृत्यु दर से परेशान सरकार, राजस्थान में चलाया स्तनपान अभियान
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जयपुर:  राज्य की शिशु मृत्यु दर में सुधार करने के लिए राजस्थान सरकार ने स्तनपान कराने के लिए विशेष रूप से एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत माताओं को नवजात के जन्म के पहले घंटे में स्तनपान कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है. 2016 में एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमे बताया गया था कि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में हर 1000 नवजात बच्चों में से 41 कि मौत हो जाती है, जबकि राष्ट्रिय मृत्यु दर का  औसत 34 शिशु का है.  

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हालाँकि, केंद्र सरकार लोगों को प्रसव के लिए अस्पताल की ओर आकर्षित करने में कामयाब रही है, देश में 84 प्रतिशत प्रसव अस्पताल में ही होते हैं , लेकिन स्तनपान को लेकर जागरूकता फ़ैलाने में सरकार नाकाम रही है, जिस कारण से शिशु मृत्यु दर पर लगाम नहीं लग पाई है. अगर राजस्थान की बात करें तो वहां मात्र 28 प्रतिशत बच्चे पहले घंटे में स्तनपान कर पाते हैं, जो पुरे देश में सबसे कम है.

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पहले घंटे में स्तनपान न कराने के पीछे कुछ भारतीय परम्पराएं भी प्रमुख कारण है, जिसके अंतर्गत शिशु को सबसे पहले शहद या घुट्टी चटाई जाती है, इसे एक आशीर्वाद की तरह समझा जाता है. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि पहले घंटे में स्तनपान सुनिश्चित करता है कि बच्चे को कोलोस्ट्रम प्राप्त होता है, जो पोषक तत्वों से भरा होता है जो बच्चों को बीमारी और संक्रमण से बचा सकता है.

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