नई दिल्लीः भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्कों में शामिल है। इसके पास लगभग 14 लाख कर्मचारी है। अपनी इसी विशालता को देखते हुए रेलवे ने अपना फोर्स बनाने का निश्चय किया है। अब रेलवे का भी अपना कमांडो फोर्स होगा। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस कमांडो दस्ते का लांच होगा। रेलवे ने बेहतर सुरक्षा एवं संपत्ति के संरक्षण के लिए 1200 कमांडों को देश के विभिन्न इलाकें में ट्रेनिंग दी है। इनमे महिला और पुरुष कमांडो शामिल हैं। रेलवे सुरक्षा बल का कमांडो फोर्स 14 अगस्त को अस्तित्व में आएगा।
बुधवार को केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल कनॉट प्लेस स्थित स्टेट एंट्री रोड स्थित ऑफिसर्स क्लब में कमांडो का प्रदर्शन देखने के बाद अधिकारिक घोषणा करेंगे। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक ये कमांडो कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्य और अन्य नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात किए जाएंगे। रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा भी करेंगे। इससे पूर्व रेलवे दूसरे पैरा मिलिट्री फोर्स की सहायता लेता था। नक्सल और अशांत क्षेत्रों में आरपीएफ की टीम सिविल ड्रेस में भी मौजूद रहते थे। रेलवे ने इसका नाम कोरस (कमांडो फॉर रेलवे सिक्यूरिटी) रखा है।
आरपीएफ अधिकारियों को आशा है कि रेलवे कमांडो ट्रेनिंग सेंटर अपना खोले जहां इस तरह की ट्रेनिंग दी जाए। ट्रेनिंग सेंटर खुलने से अधिक से अधिक कमांडो फोर्स तैयार किया जा सकेगा। रेलवे पुलिस फोर्स के जवानों को भी बेहतर ट्रेनिंग दी जा सकेगी। रेलवे अक्सर अपनी ढ़ीली सुरक्षा व्यवस्था के कारण निशाने पर रहता है। नक्सली से लेकर कई असमाजिक तत्व तक इसे अपना निशाना बनाते हैं। कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्य और नक्सल प्रभावित इलाकों में ये फोर्स मददगार साबित होंगे।
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