नई दिल्ली: कोरोना महामारी के संकटकाल में भारतीय रेलवे एक के बाद एक नए कीर्तिमान रच रहा है. अब ट्रेन के इंजन को दौड़ाने के मामले में इंडियन रेलवे ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. भारतीय रेल ने बैटरी से चलने वाला इंजन तैयार किया है और इसका सफल परीक्षण भी किया है. यानी कुछ ही दिनों में अब पटरियों पर बैटरी से चलने वाली ट्रेनें दौड़ती हुईं दिखाई दे सकती हैं.
रेलवे के अनुसार, इस इंजन को बिजली और डीजल की खपत बचाने हेतु बनाया गया है. भारतीय रेलवे ने जानकारी देते हुए बताया है कि पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर मंडल में बैटरी से चलने वाले ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' बनाया गया है, जिसका परीक्षण कामयाब रहा है. बैटरी से चलने वाला यह लोको, डीजल की बचत के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण में एक अहम कदम होगा. केन्दीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'बैटरी से संचालित होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, जो डीजल के साथ विदेशी मुद्रा की बचत और पर्यावरण संरक्षण में एक अहम कदम साबित होगा.'
आपको बता दें कि हाल ही में रेलवे ने सोलर पावर की बिजली से ट्रेन चलाने की बात कही है. रेलवे ने इसकी तैयारियां भी पूरी कर ली है. मध्य प्रदेश के बीना में रेलवे ने इसके लिए सोलर पावर प्लांट भी स्थापित कर दिया है. इससे 1.7 मेगा वॉट की बिजली पैदा होगी और सीधे ट्रेनों के ओवर हेड तक पहुंचेगी. रेलवे का दावा है कि हिंदुस्तान ऐसा करने वाला विश्व का पहला देश है. इससे पहले रेलवे के इतिहास में कोई भी देश ऐसा नहीं कर पाया है.
रेलवे के जबलपुर मंडल में बैटरी से चलने वाले ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' का निर्माण किया गया, जिसका परीक्षण सफल रहा।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 7, 2020
बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, जो डीजल के साथ विदेशी मुद्रा की बचत, और पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कदम होगा। pic.twitter.com/9uw3qF0WrW
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