दीवाली का त्यौहार और भारतीय बाज़ार
दीवाली का त्यौहार और भारतीय बाज़ार
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दिवाली में कुछ दिन ही बाकी हैं और बाज़ारों में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी हैं. दिवाली का त्यौहार मतलब शॉपिंग का त्यौहार. जी हाँ दिवाली आते ही बाज़ारों में रौनक बढ़ जाती हैं. लोग खरीददारी के लिए बाजार का रुख कर लेते हैं. और दिवाली आते ही दुकानदार भी अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए तरह-तरह के पैंतरे अपनाते हैं. कोई डिस्काउंट देता है, कोई कुछ उपहार देता है और कोई एक सामन की खरीद पर एक अन्य वास्तु फ्री देता है. सभी दुकानदार ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने की होड़ में जुट जाते हैं.

दिवाली आते ही बाज़ारों में एक और जहां कपड़ों, मिठाई, सोने-चांदी और सजावट जैसी दुकानों पर लोगों की भीड़ उमड़ती हैं वहीं फुटपात पर भी छोटे-छोटे व्यवसायी अपनी छोटी सी दुकान लगाकर लोगों को उनके उपयोग की कई चीज़ें उपलब्ध करवाते हैं. बड़े व्यापारियों की तरह ना तो वो ज्यादा पूँजी अपने व्यापार में लगा पाते हैं ना ही ऊँची-ऊँची दुकानों की तरह अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए आकर्षक डिस्काउंट या कोई ऑफर दे पाते हैं, लेकिन बावजूद इसके अपने हाथों से निर्मित वस्तुएं काफी किफायती दामों में लोगों को उपलब्ध करवाते हैं.

मिटटी के दिए

दिवाली आते ही गली-गली में मिटटी के दियों की छोटी-बड़ी दुकाने सज जाती हैं. दिवाली में दियों का अपना विशेष महत्त्व है. हालांकि बदलते दौर में दियों के स्वरुप में भी काफी बदलाव आया है और आज कल अलग-अलग तरह की डिजाइन के दिए बाज़ार में उपलब्ध हैं.

मिठाइयां

दिवाली पर बाज़ारों में पकवानों की दुकान सज जाती हैं. और हो भी क्यों ना आखिर ये त्यौहार है ही खुशियों का त्यौहार और भला बिना मुँह मीठा किये ख़ुशी मनाई भी कैसे जा सकती है. तरह-तरह की मिठाई और पकवान दुकानों पर मिलती हैं और दिवाली के कई दिन पहले से इन पर जान सैलाब उमड़ने लगता है.

पारम्परिक और नए फैशन के परिधान

बात हो दिवाली की और ऐसे में कपड़ों की खरीददारी ना का जी जाये ऐसा तो हो ही नहीं सकता. तो इस बार कई तरह के स्टाइल आपको बाज़ार में मिल जायेगे. लेकिन अगर दिवाली पर पारम्परिक परिधान पहने जाएँ तो क्या कहने. लड़के जहां कुर्ते पायजामे पहनकर देसी लुक के साथ स्टाइलिश भी दिख सकते हैं, वहीं दूसरी ओर चाहे तो जींस पर भी कुर्ते के फैशन को फॉलो कर सकते हैं, लड़कियां साड़ी के अलावा लंहगा भी ट्राय कर सकती हैं.

साज-सज्जा का सामन

दिवाली की साफ़-सफाई के बाद बारी आती है घर और दुकान की साज-सजावट की. ऐसे में कई तरह के साजो-सामान बाजार में देखने को मिलते हैं. कहीं आर्टिफिशियल फूलों की मालाएं, तो कहीं कंदील, कहीं बेल-पत्ती वाली लड़ियाँ तो कहीं लाइट की झालर जो भी दिल करे ले आइये और सजाइये अपने घर और दुकान को. आज कल चाइना के प्रोडक्ट्स का प्रयोग ना होने से देसी चीज़ों का बाजार अपने पूरे शबाब पर है. इसमें हाथ से बने कई सजावट के सामन और शो-पीस बाजार में उपलब्ध हैं.

हालांकि तेज़ी से डिजिटल होते और तकनीक की तरफ बढ़ते इस देश में त्यौहार का रंग-रूप भी काफी बदल गया है. बाजार में भी तरह-तरह के गिफ्ट आइटम्स भी मौजूद हैं. पहले धनतेरस पर जहाँ सिर्फ सोने-चांदी के सिक्कों का चलन था वहीं आज कई और तरह के आइटम्स मौजूद हैं. सोने-चांदी के सिक्के, गोल्ड और सिल्वर प्लेटेड लक्ष्मी-गणेश की मूर्ती, और भी कई तरह के प्रोडक्ट आपका दिल लुभाने लगे हैं.

साज-सज्जा के सामन में भी काफी बदलाव आया है. तरह-तरह की लाइटिंग, आर्टिफिशियल दिए, आर्टिफिशियल फूल मालाएं और भी कई तरह के आइटम्स बाजार में आपका दिल लुभाने के लिए मौजूद हैं. आप बाज़ार में जायेगे तो आपको कई तरह के और भी साज-सज्जा के आइटम्स देखने को मिल जायेगे. अभी ट्रैंड में चल रहे गोल्ड और सिल्वर प्लेटेड शो-पीस, गुलदस्ते और भी कई चीज़ें बाजार में आ रही हैं. आज कल ज्यादातर खरीददारी ऑनलाइन ही की जाती है तो ऑनलाइन शॉपिंग और ई-कॉमर्स कंपनियों में भी काफी होड़ मची हुई है. पारम्परिक और स्टाइलिश परिधान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, होम एम्प्लायन्स और भी सभी चीज़ों पर इस त्यौहार के मौसम में अच्छा खासा डिस्काउंट दिया जा रहा है. तो लीजिये हो जाइये तैयार दिवाली की शॉपिंग के लिए.

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