हाल ही में सरकार ने कैब सेवा प्रदान करने वाली ओला-उबर जैसी कंपनियों से महिलाओं को सफर करते समय अपना सहयात्री चुनने का अधिकार दिए जाने की उपलब्धता के बारे में जानने की कोशिश की थी. एक इंटरव्यू के दौरान दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि ड्राइवर या सह-यात्रियों द्वारा महिलाओं का यौन शोषण किए जाने की कई घटनाएं सामने आने के बाद सरकार इस फैसले पर विचार कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि इस विषय पर केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय टैक्सी समूहों से मिलकर बैठक करेगा, जिसके बाद इस दिशा में कोई अन्य फैसला लिया जाएगा.
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, 'शेयर टैक्सी सर्विस के लिए यह विकल्प है जिसके जरिए महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाई जा सकेगी. हमारा दृढ़ता से यह मानना है कि टैक्सी सेवा प्रदाताओं के पास एक ऐसा विकल्प होना चाहिए जिसमें यात्री अपने सह-यात्रियों को चुन सकें. पिछले हफ्ते केंद्रीय महिला एंव बाल मंत्री मेनका गांधी ने महिला यात्रियों द्वारा अपने सहयात्रियों को चुनने का विचार दिया था.'
वहीं इस मामले में जब उबर से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उसके प्रवक्ता ने जवाब देते हुए कहा कि, 'हमारा मानना है कि उबर जिस तरह की अत्याधुनिक तकनीक मुहैया करवाता है उससे यात्रियों की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए अविश्वसनीय अवसर प्रदान किए जाते हैं. पिछले कुछ सालों में हमने अपनी ऐप में यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई सुरक्षा उपायों की शुरुआत की और हम लगातार खुद को बेहतर बना रहे हैं. हम सरकार के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। ओला के प्रवक्ता ने अपना जवाब देने के लिए समय मांगा है.'
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