नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को सिरे से नकार दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर सहायता मांगी थी। विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ट्रम्प से ऐसा कोई आग्रह नहीं किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी है।
रविश कुमार ने अपने बयान में कहा है कि "हमने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का प्रेस में दिया गया बयान देखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह कश्मीर मसले पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, अगर भारत और पाकिस्तान द्वारा आग्रह किया जाता है। पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसा कोई आग्रह नहीं किया है।" रविश कुमार ने आगे कहा कि, "भारत अपने इस स्टैंड कायम है कि पाकिस्तान से सभी मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय बातचीत हो। पाकिस्तान सबसे पहले बॉर्डर पार आतंकवाद खत्म करे। शिमला समझौता और लाहौर घोषणा पत्र के तहत ही मुद्दों का समाधान निकाला जाएगा।"
इससे पहले, मीडिया रिपोर्ट्स में खबर आई थी कि ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की है। ट्रंप ने पाकिस्तान के पीएम इमरान से पीएम मोदी को लेकर भी झूठ बोला। ट्रंप ने दावा करते हुए कहा है कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कश्मीर मसले को सुलझाने में मदद मांगी थी। जबकि असलियत यह है कि कश्मीर पर भारत तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के बिलकुल खिलाफ है। भारत ने कभी किसी की मध्यस्थता मंजूर नहीं की।
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