हवा से हवा में मार करेगा भारत का अचूक अस्त्र
हवा से हवा में मार करेगा भारत का अचूक अस्त्र
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नई दिल्ली : रक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भारत एशिया ही नहीं विश्व में भी अग्रणी होता जा रहा है। हालांकि यूरोप के मुकाबले यहां पर काम कुछ धीमा है लेकिन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा देश को उन्नत प्रौद्योगिकी के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर इसकी रक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है। भारत का अस्त्र किसी ब्रह्मास्त्र से कम असरकारक नहीं रहा। जी हां, भारत जल्द ही पहली हवा से हवा में मार करने वाली मिसाईल अस्त्र को 2016 तक तैयार कर लेगा। ऐसे में इसे फाइटर जेट सुखोई - 30 एमकेआई से टारगेट पर दागा जा सकेगा।

इसका सफल परीक्षण इस फाईटर जेट से 9 बार हो चुका है। अगले माह इसका अंतिम परीक्षण होगा। इस परीक्षण के बाद इसे देश की रक्षा प्रणाली के लिए तैयार किया जाएगा। इस सफलता के बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो जाएगा जो हवा से हवा में मार करने वाली अपनी स्वयं की मिसाईल रखते हैं। ऐसे देशों में फिलहाल अमेरिका, फ्रांस और इज़रायल शामिल हैं।

भारत बियाॅन्ड विजुअल रैंज श्रेणी की मिसाईल बनाने में लगभग 10 वर्षों से परिश्रम कर रहा है। इस मिसाईल की मारक क्षमता 44 किलोमीटर से 60 किलोमीटर होगी। इस मिसाईल के द्वितीय वर्ज़न अस्त्र - 2 पर भी कार्य किया जा रहा है जिसका लक्ष्य 100 किलोमीटर रखा गया है।

इस मिसाईल को 30 एमकेआई, मिराज 2000, जगुआर, हल्के लड़ाकू विमानों से छोड़ा जा सकेगा। यह मिसाईल सुपरसोनिक गति से चलेगी। यह मिसाईल यदि 15 किलोमीटर की उंचाई से छोड़ी जाएगी तो करीब 110 किलोमीटर तक जाएगी। समुद्र सतह से छोड़ने पर 44 किलोमीटर तक पहुंचेगी।

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