देश के लिए शहीद हुए जवानों के परिवार का सहारा बनी भारतीय सेना, ऐसे कर रही सहायता
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नई दिल्‍ली: देश के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले जवानों के परिजनों के सशक्तिकरण के लिए रक्षा मंत्रालय ने कई महत्‍वाकांक्षी योजनाएं शुरू की है. इन योजनाओं के तहत शहीदों की वीर नारियों (विधवाओं) और उनके बच्‍चों के कौशल विकास और सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) मुख्य हैं.

इन्‍हीं योजनाओं के तहत रक्षा मंत्रालय ने 31 सेना कौशल प्रशिक्षण केन्द्र (एएसटीसी) स्थापित किए हैं, जो देश के विभिन्न सैन्य स्टेशनों पर काम कर रहे हैं. यह जानकारी केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राज्‍यसभा में एक सवाल के जवाब में दी है. दरअसल, राज्‍यसभा के सांसद हर्षवर्धन सिंह डुंगरपुर ने अपने लिखित सवाल में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से जानना चाहा था कि क्या सरकार युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं और सीमा पर आतंकवादियों से एनकाउंटर में शहीद हुए सैनिकों की वीर नारियों के कौशल-विकास हेतु कौन से ख़ास कदम उठाती है.

इस प्रश्न का उत्तर देते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि 2016 से अब तक तक़रीबन 6900 वीर नारियों को विभिन्न कौशल आधारित कार्यों के लिए कौशल प्रशिक्षण दिया गया है. उन्‍होंने बताया है कि कौशल विकास पाठ्यक्रम के दौरान व्यक्तित्व विकास, सॉफ्ट स्किल डेवलपमेंट और जॉब इनरोलमेंट काउंसलिंग पर ख़ास फोकस किया जाता है. 

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