नई दिल्ली: पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों पर इस्तेमाल किए गए इजरायली स्पाइस बम के देसी वर्जन का भारत ने सफल परीक्षण कर लिया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने राजस्थान के पोखरण में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से 500 किलो श्रेणी के गाइडेड बम का परिक्षण किया है. यह बम देश में ही विकसित किया गया है और यह स्पाइस बम से बहुत अधिक घातक है.
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया है कि गाइडेड बम ने सफलतापूर्वक रेंज हासिल करते हुए लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया है. मंत्रालय के बयान के अनुसार, बम छोड़े जाने के परीक्षण के दौरान मिशन के सभी मकसद पूरे हो गए. यह प्रणाली विभिन्न युद्धक हथियारों को ले जाने में सक्षम है. डीआरडीओ के इस 500 किलो वजनी देसी गाइडेड बम को जोधपुर से उड़े सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से 30 किलोमीटर पहले छोड़ा गया था.
ये अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर गिरा. इस स्मार्ट गाइडेड बम से दुश्मन के क्षेत्र के एयर फील्ड को नष्ट करने के साथ ही दुश्मन के ठिकानों को नजदीक से तबाह किया जा सकता है. इस गाइडेड बम के मिलने से वायु सेना की मारक क्षमता बहुत बढ़ जाएगी. इस बम को डीआरडीओ की हैदराबाद स्थित लैब ने निर्मित किया है. आने वाले दिनों में इससे दोगुने वजन का बम विकसित कर उसके परीक्षण की तैयारी चल रही है.
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