नई दिल्लीं: इस साल भारत में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए पाकिस्तान को निमंत्रण भेजा जाएगा. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एससीओ के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए भारत की तरफ से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बैठक में शामिल होने का औपचारिक बुलावा भेजा जाएगा. अब ये पाकिस्तान को तय करना है कि वह इसमें हिस्सा लेगा या नहीं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला कि भारत पहली बार एससीओ की बैठक की मेजबानी कर रहा है. इसकी जानकारी एससीओ के महासचिव व्लादिमिर नोरोव ने 13 जनवरी 2020 को दी. जंहा नोरोव 12 जनवरी 2020 से 4 दिनों तक भारत के दौरे पर है. उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस बारे में लंबी बातचीत की. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि जयशंकर से उनकी मुलाकात के दौरान पाकिस्तान को लेकर कोई बातचीत हुई या नहीं.
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Dr. S. Jaishankar June 1, 2019
वहीं हम बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी है और कहा है कि शंघाई सहयोग संगठन के महासचिव व्लादिमिर नोरोव का उन्होंने स्वागत किया और भारत में एससीओ की बैठक की तैयारियों को लेकर चर्चा की. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि जयशंकर ने बताया कि भारत इस साल एससीओ की बैठक की जिम्मेदारी बेहतर तरीके से उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है.
एससीओ में 2005 से पर्यवेक्षक की भूमिका में रहा है भारत: वहीं यह कहा जा रहा है नोरोव ने बताया कि एससीओ के सभी सदस्यों ने भारत की मेजबानी का स्वागत किया है. लेकिन उन्होंने कहा है कि इस पूरे क्षेत्र में भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण देश है और यहां आर्थिक विकास की दिशा में आगे बढ़ने की पूरी संभावना है. उन्होंने बताया कि इस दौरान होने वाली कई बैठकों में आर्थिक मामलों को लेकर होने वाली बैठक खासी अहम होगी. वहीं भारत एससीओ में साल 2005 से ही पर्यवेक्षक की भूमिका में रहा है, जबकि भारत और पाकिस्तान को साल 2017 में इसके पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा दिया गया था. शंघाई सहयोग संगठन की शुरुआत साल 2001 में रूस, चीन, किरगिक रिपब्लिक, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के शंघाई में हुए एक सम्मेलन में हुई थी.
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