भारत का एक ऐसा गांव जहां पर आज भी इस्तेमाल किया जाता है काला जादू
भारत का एक ऐसा गांव जहां पर आज भी इस्तेमाल किया जाता है काला जादू
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tyle="text-align:justify">भारत में बहुत से अजीब चीजें हैं जिनके बारे में सुनकर यकीन कर पाना मुश्किल हो जाता है और कई बार तो भूत-प्रेत और जादू टोने और अंधविश्वास की बातों के बारे में सुनकर रोगटें खडे हो जाते हैं। आज कल हर कोई पढ़ा लिखा है और इस तरह की बातें इस जमाने में कुछ अटपटी सी भी लगती हैं। आज हम बात कर रहें हैं भारत के एक ऐसे गांव की जहां पर आज भी काला जादू इस्तेमाल किया जाता है। असम के  इस  गांव को काले जादू की राजधानी भी कहा जाता है। यहां के अजीब रिवाज के कारण काला जादू भूतहा बना हुआ है। आइए जानते हैं आसाम के मयोन्ग नाम के इस गांव के बारे में...
 
क्यों पड़ा इस गांव का नाम मयोन्ग
मया शब्द का अर्थ है भ्रान्ति। इसी कारण लोग मयोन्ग को जादू से जोड़ने लगे। तब से इस गांव को काले जादू के नाम से जाना जाने लगा।
 
मयोन्ग में मनाया जाने वाला त्योहार
मयोन्ग पोबीतोरा यहां का वार्षिक त्योहार है। यह जंगली जानवरों और जादू के मेल से बना है। इस दिन यहां के कुछ लोग काला जादू करते हैं और जलूस भी निकालते हैं। यह त्योहार 3 दिन मनाया जाता है।
 
मयोन्ग सेंट्रल म्यूजियम 
यहां पर एक मयोन्ग सेंट्रल नाम का म्यूजियम भी बनाया गया है,जिसकी शुरूवात 2002 में हुई और इसमें पौराणिक वीर कथाएं और काला जादू की पुरानी किताबें भी रखी हैं।
 
 कौन करता है काला जादू
जो लोग इस गांव में काले जादू का काम करते हैं उन्हें बेज़ या ओजा कहा जाता है। इनसे जुड़ी तरह-तरह की बातें फैली हुई हैं।

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