नई दिल्ली : वर्ष 2008 में हुए मुंबई के आतंकी हमले के आरोपियों पर मुकदमे चलाने को लेकर भारत द्वारा पाकिस्तान से मांग की जाती रही है। यही नहीं पाकिस्तान को लड़ाई की नेकनीयती की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल पठानकोट में हुए आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान से कार्रवाई की मांग की जा रही थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने संवाददाताओं को कहा कि वे पहले ही कह चुके हैं कि मुंबई में हुए आतंकी हमले का मुकदमा भारत को टारगेट में रखते हुए किया जा रहा है।
आतंकवाद से लड़ने की पाकिस्तान की ईमानदार पहल की परीक्षा देखी जा रही है। मुंबई में हुए आतंकी हमले को लेकर आतंकियों ने वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और हमले की योजना का निर्माण पाकिस्तान में ही किया था। इन सभी बातों के 99 प्रतिशत सबूत शामिल हैं।
पाकिस्तान को लेकर जवाबदारी बताई जा रही है कि सबूतों को निकालने और मामले के वाद के मसले पर इसे प्रस्तुत किया जा सके। जिससे गुनहगारों को दंड दिया जा सके। स्वरूप द्वारा बयान दिया गया कि पाकिस्तान की सरकार इस याचिका को खारिज कर सकती है। मुंबई में हुए आतंकी हमले को लेकर नए सैंपल लिए जाने की मांग भी की गई थी।