Oct 02 2015 05:09 PM
नई दिल्ली. भारत सरकार ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत निर्णय लिया है की जल्द ही हम 2030 तक कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता में हम तकरीबन 33 से 35 फीसदी तक की कटौती करेंगे। तथा इस पर भारत के जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है की यह कमी हम साल 2005 को आधार मान कर करेंगे। जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दोहराया की भारत ने इसके तहत पेरिस में संपन्न होने वाले महासम्मेलन से पूर्व ही अपने एक महत्वपूर्ण उद्देश्यों के तहत जलवायु परिवर्तन पर अपने रोडमैप की घोषणा कर दी है। प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा की भारत में 2030 तक होने वाले कुल बिजली उत्पादन में तकरीबन 40 फीसदी हिस्सा कार्बनरहित ईंधन से होगा.
भारत बिजली के मुद्दे पर एक खास कदम उठाएगा. व इसके लिए हम 2022 तक करीब 1 लाख 75 हजार मेगावाट बिजली के उत्पादन को सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा से बनाएंगे. तथा इसके लिए कार्बन को सोखने के लिए हम यहां पर बड़े पैमाने पर जंगल के क्षेत्र को बढ़ाएंगे. जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा की भारत का रोडमैप अमेरिका, चीन व यूरोपियन देशो से कही अधिक प्रभावशाली है.
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