नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए फियादीन आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश व्याप्त है। ऐसे में भारत और अमेरिका जल्द ही आतंकवाद के मसले पर एक बार फिर से चर्चा करने की तैयारी कर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस बातचीत में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मसूद अजहर के मसले को प्रमुखता से रखा जाएगा।
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इतना ही नहीं, भारत के अधिकारी अमेरिका पर इस बात के लिए दबाव भी डालेंगे कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के तहत आतंकी मसूद अज़हर को प्रतिबंधित करने के लिए प्रस्ताव लाया जाए, जो पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में शामिल है और पाकिस्तान की पनाह में रहकर लगातार खौफनाक वारदातों की योजना तैयार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत और अमेरिका ने 2017 में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की पहचान के लिए एक नया कंसल्टेशन मेकनिजम लॉन्च किया था। इसका ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से हुई मुलाकात के बाद एक संयुक्त बयान में किया गया था।
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आतंकवाद को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए अमेरिका की तरफ से किए जाने वाले वादों के चलते भारत को भी उससे समर्थन की उम्मीद है। दिलचस्प बात यह है कि यूनाइटेड नेशंस की 1267 समिति ने पहले से ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को प्रतिबंधित संगठनों की लिस्ट में डाल रखा है, लेकिन इसके बाद भी समिति सरगना मसूद अजहर पर अभी तक प्रतिबन्ध नहीं लगा पाई है।
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