मुम्बई : चीन द्वारा लद्दाख में दाखिल होने के बाद मनरेगा के काम में परेशानी डालने के मामले में शिवसेना ने भाजपा नेतृत्व वाली सरकार से सवाल किया है। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने लिखा है कि जब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने भारत पर हमला किया तो सर्जिकल स्ट्राईक की गई लेकिन क्या चीन द्वारा अपनी सेना दाखिल कर दिए जाने के बाद भारत इस तरह की कार्रवाई कर सकता है।
शिवसेना ने इस मामले में कहा कि चीन की सेना काफी समय तक लद्दाख में रही और काफी समय तक चीन के सेनिक सीमा में मौजूद रहे। उन्होेंने मनरेगा के कार्य को रोक दिया। वे निडरता से वहीं ठहरे रहे। मगर भारत ने पहल नहीं की। शिवसेना ने जो संपादकीय लिखा है उसमें लिखा गया है कि चीन से भारतीय सीमाओें की रक्षा करना भी रक्षामंत्री के कार्य का ही भाग है। ऐसे में केवल पाकिस्तान के विरूद्ध कार्रवाई की बात करना उचित नहीं है।
चीन के खिलाफ भी हमें कार्रवाई करनी होगी या इस मामले मेें गंभीरता रखनी होग। शिवसेना ने कहा है कि सर्जिकल स्ट्राईक का राजनीतिक लाभ नहीं लिया जाना चाहिए। भारतीय सेना का धर्म तो उसकी सीमाऐं हैं। शिवसेना ने अपने लेख में लिखा कि सरकार को चीन द्वारा भारतीय सीमाओं के अतिक्रमण पर कड़ा रूख अपनाना चाहिए।