वर्ल्ड स्टार्ट अप में अगले वर्ष भारत हो जाएगा नंबर 1
वर्ल्ड स्टार्ट अप में अगले वर्ष भारत हो जाएगा नंबर 1
Share:

आंत्रप्रेन्योर” ये शब्द पहली बार ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर में सूना था मैंने। गूगल और शिक्षकों के माध्यम से जिज्ञासा शांत होते-होते काफी रोचक लगी। ये दौर है... नए विकल्पो का, नए प्रयासों का, नए कयासों का, चर्चा में बने रहने का, अपने हुनर के प्रचार का। जरुरत है थोड़ा रिस्क लेने की। रिस्क भी अपने मतलब की।

मैं हैरान थी, कुमार विश्वास, चेतन भगत सरीखे लोगो की कहानी पढ़कर। जिन्हें आज मैं जानती हूँ, पहचानती हूँ. क्योंकि अपने बीते कल में इन्होने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई को छोड़कर कवि व साहित्यकार बनने का साहस किया। निश्चय ही चौतरफा विरोध के स्वर गूँजे होंगे। इसका नमूना हमने फिल्म थ्री इडियट में भी देखा। पर आज ऐसे रिस्क लेने वालो की भरमार है। कल तक कौन जानता था कि पंडित भी ऑनलाइन मिलेंगे, बकरीद पर बकरियाँ भी ऑनलाइन मिलेंगी।

नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2016 में वर्ल्ड स्टार्ट अप में नंबर 1 बन जाएगा। फिलहाल भारत इजरायल को पछाड़ते हुए तीसरे नंबर पर है। मौजूदा समय में भारत में 4200 स्टार्ट अप है, जिनकी उम्र 35 वर्ष और उससे कम है। 50 फीसदी इनमें महिलाँए है। 1200 केवल आई टी से है, इसके अलावा 50 प्रतिशत इ-कॉमर्स व कंज्यूमर सर्विसेज में है। 26% बेंगलुरु, 23% दिल्ली एनसीआर और 17% स्टार्ट अप मुंबई से है। इसका एक बड़ा कारण दिग्गज बिजनेस खिलाड़ियों जैसे रतन टाटा, अजीम प्रेम जी का इनमें निवेश करना भी है। अकेले रतन टाटा ने ही 10 नए स्टार्ट अप में निवेश किया है। इससे भारतीय इकोनॉमी को भी एक बुस्ट मिला है।

टेक सिटी बेंगलुरु में ही 5 फुल फ्लेज और 8 यूनीकॉर्न (Unicorn) इंटरप्रेन्योर है। Unicorn एक टर्म है, जो कंपनी की 1 बिलियन से कम की टर्न ओवर को दर्शाता है। पिछले 1 वर्ष में ही कई कपनियों के टर्नओवर में अनलिमिटेड वृध्दि हुई है। अकेले फ्लिपकार्ट की ही 2 बिलियन से 15 बिलियन पर पहुँच गई।

  1. पे टी एम--ई-कॉमर्स--विजय शेखर शर्मा
  2. ओयो रुम्स—नेटवर्क आफ होटल—रितेश अग्रवाल
  3. ओला कैब—ऐप फॉर ट्रांसपोर्टेशन—भाविश अग्रवाल
  4. गूंज—एन जी ओ—अंशु गुप्ता
  5. फ्रॉले—डाटा फ्राम सोशल—अभिषेक वैदय, अमरप्रीत कलकट, निशित शर्मा
  6. प्रैक्टो—मेडिकल प्रैक्टिसिंग सॉफ्टवेयर—शशांक और अभिनव लाल

ये तो कुछ गिने-गुथे नाम है। हिंदुस्तान की गलियों मे हर बच्चा रोजाना कुछ नया ईजाद करता है। बस, नाम मिलने और बनाने की देर है। गिरते-संभलते मुकाम बन ही जाँएगे। बाहर तो निकलो, जरा पंख तो फैलाओ।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -