भारत का वैश्विक मानव पूंजी सूचकांक में 100वां स्थान रहा. इस सूचकांक में मानव पूंजी के विकास और इसके उपयोग का आकलन किया जाता है. 124 देशों की इस सूची में फिनलैंड शीर्ष पर है. भारत इस सूची में ब्रिक्स देशों के अपने सभी समकक्षों रूस, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका, भूटान तथा बांग्लादेश जैसे छोटे पड़ोसी देशों से भी नीचे है. विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) द्वारा तैयार इस सूची में शीर्ष 10 देशों में पहले नंबर पर फिनलैंड है जिसके बाद क्रमशः नार्वे, स्विट्जरलैंड, कनाडा, जापान, स्वीडन, डेनमार्क, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड और बेल्जियम का स्थान है.
मंच ने कहा कि इस सूची को 46 संकेतकों पर तैयार किया गया है कि कोई देश किस तरह मानव पूंजी का विकास और इसका उपयोग कर रहा है. शिक्षा, कौशल और रोजगार पर अपना कितना ध्यान दे रहा है. मंच ने कहा कि इसका लक्ष्य यह समझना है कि देश अपनी मानव क्षमता का बेहतर इस्तेमाल कर रहा है या उसे बेकार होने दे रहा है.
इस रिपोर्ट में भारत के संबंध में कहा गया कि हालांकि, शैक्षणिक उपलब्धि विभिन्न आयुवर्ग समूहों में बढ़ी तो है लेकिन इसकी युवा साक्षरता दर अभी भी सिर्फ 90 प्रतिशत है जो अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले काफी कम है. मंच ने कहा कि विशाल अनौपचारिक क्षेत्र के कारण श्रम बल भागीदारी दर के लिहाज से भी भारत का स्थान काफी पीछे है.