वाॅशिंगटन : भारत ने परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के दौरान इस बात को लेकर सवाल उठाए हैं कि आखिर पठानकोट में हुए आतंकी हमले के प्रमुख आरोपी और षडयंत्रकर्ता जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया। दरअसल चीन की आपत्ती के बाद इस आतंकी को प्रतिबंधित किए जाने पर रोक लगा दी गई थी। इस तरह का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में रखा गया था। इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि वे निराश हैं कि आतंकी नेता मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति में लिस्टेड करने के भारत के आवेदन पर तकनीकी रोक लगा दी गई।
भारत की ओर से कहा गया कि पठानकोट में हुआ आतंकी हमला मसूद अजहर की साजिशों का नतीजा था। यदि इस आतंकी पर रोक नहीं लगाई गई तो वैश्विक स्तर पर आतंक के कई गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। इस आतंकी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसकी ज्ञात आतंकी गतिविधियों के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया था।
विकास स्वरूप द्वारा कहा गया कि आतंकी समूहों के वैश्विक नेटवर्क को देखते हुए इस पर रोक लगाना अतंर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए निहितार्थ हैं। इस मामले में यह बात सामने आई थी कि चीन ने अप्रत्यक्षतौर पर पाकिस्तान की मांग का समर्थन किया है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र की इस समिति में पाकिस्तान शामिल नहीं है। मगर उसने चीन के रास्ते इस आतंकी पर रोक न लगाने की मांग कर आतंक के प्रति अपना हिडन एजेंडा प्रस्तुत किया।