नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बिच बिगड़ते रिश्ते और बॉर्डर पर लगातार होती घुसपैठ के बीच एक अच्छी खबर आई है। देशों के सैनिकों ने पहली बार एक बड़े युद्ध अभ्यास में भाग लिया है।
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दरअसल यह युद्ध अभ्यास शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) द्वारा कराया जा रहा है। इस युद्ध अभ्यास का मकसद आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने के लिए एससीओ के सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाना है। इस अभ्यास में भारत और पाकिस्तान के अलावा रूस, चीन,कजाखिस्तान, तजाकिस्तान किरगिस्तान, और उजबेकिस्तान सहित सभी सदस्य राष्ट्र हिस्सा ले रहे हैं। इस युद्ध अभ्यास में इन देशों के कम-से-कम तीन हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं।
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आपको बता दें कि इस युद्ध अभ्यास की सबसे ख़ास बात ये है कि भारत-पाक की सेनाएं एक आजादी के बाद पहली बार साथ सैन्य अभ्यास करेंगी। एससीओ शांति मिशन नामक इस अभ्यास का आयोजन हर दो साल में किया जाता है। इस साल यह अभ्यास रूसी शहर चेल्याबिंस्क में 22-29 अगस्त तक चलेगा। सूत्रों के मुताबिक इस युद्ध अभ्यास में भारतीय सेना के 200 जवान हिस्सा लेंगे।
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