नई दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले भारत ने रूस के सामने एक बात को लेकर ऐतराज जताया है। दरअसल आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले पाकिस्तान के साथ रूस के युद्धाभ्यास करने को लेकर भारत ने ऐतराज जताया है। भारत के राजदूत पंकज सरन ने रूसी समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती को साक्षात्कार दिया था। जिसमें उन्होंने इस बात की जानकारी दी थी कि रूस को भारत के पक्ष से परिचित करवाया है।
दरअसल भारत का मानना है कि पाकिस्तान जो आतंकवाद को बढावा दे रहा है उसके साथ किए जाने वाले युद्धाभ्यास से परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। पाकिस्तान अपने युद्धाभ्यास का लाभ आतंकवाद को बढ़ाने में ले सकता है। दूसरी ओर सरन का बयान शनिवार को गोवा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की द्वीपक्षीय बैठक से पूर्व मिला है। पुतिन 14 अक्टूबर को भारत आ रहे हैं। इसके पहले भारत रूस को अपने पक्ष में लेने की तैयारी में लगा है।
गौरतलब है कि भारत में 16 अक्टूबर से ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका देशों का संयुक्त सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसके पहले भारत ने अपनी आपत्ती जताते हुए रूस से कहा है कि इस तरह से सैन्य अभ्यास मुश्किल ला सकता है, मगर रूस के अधिकारियों ने भारत की इस बात को अधिक महत्व नहीं दिया है। उनका मानना है कि पहले भी वे कई देशों के साथ युद्धाभ्यास करते रहे हैं। भारत का पक्ष रखते हुए सरन ने कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन में भी आतंकवाद को लेकर बात उठ सकती है।