मुझे पकड़ने के लिए भारत ने तालिबान को पैसे ऑफर किए थे
मुझे पकड़ने के लिए भारत ने तालिबान को पैसे ऑफर किए थे
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इस्लामाबाद : पाकिस्तान के साथ-साथ अब पाकिस्तान में शरण लेने वाले आतंकी भी भारत पर ऊंगली उठाने लगे है। जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर ने भारत पर आरोप लगाया है कि उसे पकड़ने के लिए भारत ने तालिबहान को पैसे ऑफर किए थे। यह बयान कंधार कांड के मामले में सामने आया है।

अजहर का कहना है कि उसकी रिहाई के बाद उसे पकड़ने के लिए तत्कालीन सरकार ने तालिबान को पैसों की पेशकश की थी। अजहर को 1999 में हाईजैक हुए इंडियन एयरलाइन्स के IC-814 प्लेन के पैसेंजर्स के बदले रिहा किया गया था। अजहर ने ये बातें अपनी विकली मैगजीन अल-कलाम के जरिए कही।

अमेरिका द्वारा किए गए ड्रोन हमले में मारा गया मुल्ला मंसूर को अजहर ने मैगजीन के 3 जून के अंक में सईदी नाम से श्रद्धांजलि दी। कंधार में हुए प्लेन हाइजैक में बातचीत के बाद तीन आतंकियों को 1999 में रिहा कर दिया गया था। तब की एनडीए सरकार ने अजहर समेत मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को काबुल ले जाकर छोड़ा था।

कंधार एयरपोर्ट पर खुद मंसूर अजहर को लेने आया था। अजहर ने लिखा है कि मैं कराची के डेलिगेशन का हिस्सा था। तालिबान ने डेलिगेशन को काबुल से कंधार लाने के लिए प्लेन मुहैया करवाया था। कंधार एयरपोर्ट पर मंसूर ने ही हमारा वेलकम किया। हमें वीआईपी लाउंज में ठहराया गया।

मुल्ला साहब ने मुझे सोफे पर अपने बगल में बैठाया। आगे अजहर ने लिखा है कि मंसूर ने मुझे बताया कि जसवंत सिंह जब तुम्हें कंधार छोड़ने आए थे, तब इसी सोफे पर बैठे थे। जसवंत ने मंसूर से कहा कि हमारे कैदी (अजहर, जरगर, शेख) अफगानिस्तान में ही रहेंगे और आप उन्हें पकड़कर हमारे हवाले कर सकते हो।

हम आपकी हुकूमत को मालामाल कर देंगे। इस पर तब के रॉ अधिकारी एएस दौलत का कहना है कि हमने तालिबान को किसी तरह के पैसे का ऑफर नहीं दिया। दौलत ने कहा कि यह दावा दो लोगों की बातचीत पर आधारित है। इसे वेरिफाई करने वाला कोई नहीं है।

मंसूर की मौत हो गई है और जसवंत कोमा में है। पूर्व डिप्लोमैट विवेक काटजू ने बताया कि मुझे जान नहीं पड़ता कि ऐसी कोई बातचीत हुई थी। उस दौरान मैं जसवंत सिंह के साथ ही था। ये सारी आधारहीन बातें हैं। बता दें कि प्लेन हाईजैक के दौरान पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान से बातचीत करने वाले अफसरों को काटजू ही हेड कर रहे थे। एक अन्य रॉ अफसर आनंद अर्नी के मुताबिक जितना मुझे याद आता है, मुझे नहीं लगता कि मंसूर जसवंत सिंह से मिला था।

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