नई दिल्ली : पठानकोट हमले में चारों ओर से निराशा हाथ आने के बाद भारत ने अमेरिका से मदद मांगी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो व कई विदेशी जांच एजेंसियो से संपर्क साधा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने एफबीआई समेत कुछ विदेशी एजेंसियों से साइबर सबूत को मजबूत करने में मदद मांगी है।
ये वही सबूत है, जो पठानकोट हमले के आतंकियों ने छोड़े थे। हमले के तुरंत बाद जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर का भाई रउफ ने अकलाम डॉट कॉम और रंगनूर डॉट कॉम नामक वेबसाइटों पर पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले को कबूला था। इन दोनों ही वेबसाइटों का डोमेन अमेरिकी सर्विस प्रोवाइडर द्वारा दिए गए है।
अकलाम डॉट कॉम को पाकिस्तानी जांच एजेंसी के भारत पहुंचने से पहले बंद कर दिया गया, लेकिन रंगनूर अब भी सक्रिय है। पर रंगनूर से वीडियो हटाया जा चुका है। इस वेबसाइट को पे यूरोपीय देश द्वारा किया गया है। भुगतान के बाद डोमेन प्रोवाइड करने वाले कॉन्ट्रैक्टर ने रीन्यू किया है। एनआईए ने भुगतान करने वाले व्यक्ति की डिटेल मांगी है।
पठानकोट हमले के दौरान तीन दिनों तक चले संगर्ष के बाद बरामद हुए हथियार व अन्य उपकरणों के लिए भारत ने दूसरी एजेंसियों से संपर्क साधा है। पाकिस्तान से आई जेआईटी को एनआईए ने बता दिया था कि पारस्परिक आधार पर तय नियम एवं शर्तो के अनुसार सहयोग किया जा रहा है। एनआईए ने यह भी कहा था कि उसे पाकिस्तान आने की अनुमति मिलने की प्रतीक्षा है।