माले: मालदीव में शनिवार को होने जा रहा नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह माले के लिए बदलते हालातों का सबसे बड़ा उदाहरण बनने जा रहा है. चीन के कर्ज में डूबा यह देश मदद के लिए भारत के साथ-साथ अमेरिका से भी आस लगाए बैठा है. यही वजह है कि नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के पदभार ग्रहण के दौरान उपस्थित रहने वाले भारतीय पीएम मोदी मालदीव के लिए सर्वोच्च रैंकिंग वाले अतिथि होंगे.
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चीन की बात करें तो वहां के सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री इसमें हिस्सा लेने वाले हैं . वहीं, मोदी ने अपनी मालदीव यात्रा को लेकर गर्मजोशी दिखाते हुए ट्वीट करके मालदीव के साथ बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी और मानव संसाधन के क्षेत्रों में सहयोग के साथ काम करने की बात कही है. 2014 में सत्ता संभालने के बाद पहली बार मालदीव की यात्रा पर जा रहे मोदी की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में शामिल होना इस बात का संकेत है कि पिछले वर्षो में दोनों देशों के बीच गड़बड़ हुए संबंध अब सुधरने वाले हैं.
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उल्लेखनीय है कि पिछले सालों के दौरान चीन की तरफ मालदीव का झुकाव भारत के लिए चिंता का विषय रहा है. श्रीलंका में चल रहे राजनीतिक गतिरोध को लेकर भी भारत और चीन में तनाव की स्थिति है. चीन समर्थक नेता अब्दुल्ला यामीन को हराने के बाद सोलिह ने चीन को ठेंगा दिखाते हुए इंडिया फर्स्ट पॉलिसी की वकालत की है. उन्होंने कहा है कि 4 लाख से अधिक की आबादी वाले इस द्वीपीय देश को अपने तात्कालिक और परंपरागत पड़ोसियों के साथ मजबूत संबंधों की जरुरत है.
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