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कोलकाता : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के.राधाकृष्णन ने कहा है कि अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और आम लोगों के लाभ के लिए अपने अभियानों के माध्यम से खोज के क्षेत्र में भारत एक आदर्श है। राधाकृष्णन ने बुधवार शाम को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "हमारे संस्थापक विक्रम साराभाई की दूरदृष्टि यह थी कि यह उच्च प्रौद्योगिकी (अंतरिक्ष विज्ञान) देश में सुशासन के लिए लोगों के लिए फायदेमंद होनी चाहिए। इस क्षेत्र में इसी दिशा में हम काम कर रहे हैं।
मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत इस पूरे विश्व के समक्ष के आदर्श है कि देश में आम लोगों के लाभ के लिए अंतरिक्ष विज्ञान का किस तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है।"
उन्हें पी.सी.चंद्रा समूह द्वारा वार्षिक राष्ट्रीय पुरस्कार पी.सी.चंद्रा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि किस तरह से अंतरिक्ष विज्ञान (उपग्रह प्रणालियां और संचार) ने भारत में पूर्व चेतावनियों और अन्य सेवाओं के जरिए मछुआरों, किसानों और आपदा प्रबंधकों की मदद की है।
अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख के रूप में राधाकृष्णन के कार्यकाल के दौरान इसरो ने 24 सितंबर 2014 को अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने वाला पहला देश बनकर कीर्तिमान स्थापित किया था।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अन्वेषण के क्षेत्र में भारत की प्रमुख भागीदारिता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, मंगल मिशन की सफलता से देश के बच्चों में विज्ञान और अंतरिक्ष खोज की दिशा में रुचि उत्पन्न हुई है।