नई दिल्ली। एक ओर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है। भारतीय पोस्ट्स पर पाकिस्तान फायरिंग कर सीज़फायर का उल्लंघन कर रहा है। तो दूसरी ओर भारतीय सैनिकों को बुरी तरह मारने का प्रयास किया जा रहा है। इन परिस्थितियों के बीच भारत अपने उस सैनिक चंदू बाबूलाल चव्हाण को वापस लाने में जुटा हुआ है जो कि गलती से एलओसी पार कर पाकिस्तान चला गया था।
पहले पाकिस्तान और भारत के डीजीएमओ में इस मामले में बात हुई थी लेकिन अब इस मामले में भारत कूटनीतिक तरीका अपनाकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से चर्चा करने में लगा है। मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की सेना ने डीजीएमओ की मांग का जवाब नहीं दिया है। गौरतलब है कि 29 सितंबर को 37 राष्ट्रीय राईफल्स के जवान चंद बाबू लाल चव्हाण एलओसी के पार चले गए थे।
इसके बाद चव्हाण को पाकिस्तान के सैनिकों ने पकड़ लिया था। भारत ने यह स्पष्ट किया था कि चंदू सर्जिकल स्ट्राईक करने वाले जवानों का हिस्सा नहीं थे। वे अलग थे। मगर अब भारत उन्हें लेकर प्रयास में जुट गया है। भारतीय पक्ष ने कहा है कि वे गलती से सीमा पार कर गए थे।
इस मामले में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पाकिस्तान ने पहले इस बात को मानने से इन्कार कर दिया था कि भारत का सैनिक चंदू उनके कब्जे में है मगर बाद में पाकिस्तान ने यह माना और अब चंदू को भारत लाने का प्रयास किया जा रहा है। दूसरी ओर चंदू के परिजन उसे घर वापस लाने के प्रयास में तेजी की मांग कर रहे हैं वे आशंकित हैं कि पाकिस्तान द्वारा चंदू को यातनाऐं दी जा रही होंगी जिसके कारण परिवार काफी चिंतित है।