नई दिल्ली : एक ओर जहां बलूचिस्तान के मसले पर पाकिस्तान को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है उसे बलूचिस्तान के लोगों का विरोध झेलना पड़ रहा है वहीं अफगानिस्तान से भी भारत को इस मामले में समर्थन मिला है। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के प्रभावित होने और उनका हनन होने का जो मसला सामने रखा रखा है वह बताता है कि वहां के लोगों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
वे अफगानिस्तान और भारत के मसले पर साफतौर पर बोलते रहे हैं। हामिद करजई ने इंस्टीट्युट आॅफ पीस एंड कान्फिल्क्ट स्टडीज द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम में पत्रकारों से चर्चा कर कहा कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने पाकिस्तान से निवेदन किया था कि वे बलूचिस्तान की स्थिति की गंभीरता को स्वीकार करें। उनका कहना था कि बलूचिस्तान में पख्तूनों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
बलूचिस्तान में अफगानिस्तान की खासी भागीदारी है। उन्होंने कहा कि भारत को अफगानिस्तान के रक्षा बलों की सहायता करने से हिचकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि आईएसआईएस न तो अफगानिस्तान से संबंधित है और न ही तालिबान से जुड़ा है। उन्होंने भारत को आईएसआई जो कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है उसके प्रति चेताया।
बांग्लादेश बलूचिस्तान के मसले पर पीएम मोदी का समर्थन जता चुका है। इतना ही नहीं बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन उल हक इनू ने भी बलूचिस्तान और पाकिस्तान के अन्य भागों में जताई गई हिंसा पर गंभीरता व्यक्त की गई है। अफगानिस्तान का मानना है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान के कई क्षेत्रों से नियंत्रण खो चुका है।