नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर राज्य में जनमत संग्रह करवाने की मांग को भारत द्वारा फिर से नकार दिया गया है। दरअसल पाकिस्तान प्रयास कर रहा है कि कहीं से भी उसे कश्मीर मसले पर हंगामा करने का अवसर मिल जाए। यही नहीं जम्मू-कश्मीर को लेकर ही पाकिस्तान प्रमुख मांगे कर रहा है। जिससे नागरिकों ने लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार को कार्य करने का अवसर दिया है। इस मामले में यह बात सामने आई है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा कहा गया कि पाकिस्तान को यह जानना होगा कि इस मंच पर इंटर पार्लियामेंट्री संगठन है।
इस दौरान वर्ष 2030 के विकासीय एजेंडे को लेकर बातचीत की गई। वल्र्ड स्पीकर कांफ्रेंस में सुमित्रा महाजन ने पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर का मसला उठाए जाने को कड़ाई से खारिज कर दिया है। गौरतलब है की पकिस्तानी नेशनल असेंबली के कार्यवाहक स्पीकर मुर्तजा जावेद अब्बासी ने अपने भाषण में जनमत संग्रह कराए जाने के बारे में टिप्पणी की थी। दरअसल पाकिस्तान के इस मसले पर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी भी पाकिस्तान के साथ नहीं है जिसके कारण अब वह यूएन में इस पर सीधे तौर पर चर्चा करने से बच रहा है। इसलिए पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर का मसला उठाए जाने को कड़ाई से नकार कर दिया गया है। हालांकि पाकिस्तान अपने प्रतिनिधि द्वारा खुद को यूएन में समर्थन नहीं मिलने की बात को सिरे से नकार रहा है लेकिन यह जाहिर है कि पाकिस्तान कहता कुछ और है और होता कुछ और है।
यही नहीं संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रतिनिधि द्वारा टिप्पणी किए जाने को सही नहीं बताया गया है। इस मसले पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक मंच पर जम्मू-कश्मीर के मसले को सामने रखकर पाकिस्तान गैर मसले को मुद्दा बनाने का प्रयास करने में लगा है। यही नहीं इस दौरान कहा गया कि यह जमीनी स्तर की सच्चाई को नज़रअंदाज़ कर सकता है।