नई दिल्लीः भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान इस मुद्दे का अंतराष्ट्रीयकरन करने में लग गया। मगर उसे कहीं अपेक्षित सफलता नहीं मिली। भारत ने शुरू से इस मुद्दे पर अपना रूख साफ रखा है। भारत ने यूएनजीए कश्मीर मुद्दे पर तुर्की और मलेशिया के बयान की कड़ी आलोचना की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और मलेशियाई पीएम महातिर मोहम्मद द्वारा कश्मीर पर दिए गए बयानों को गलत बताया। कुमार ने कहा कि भारत के हाल ही में जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला देश का आंतरिक मामला है।
उन्होंने तुर्की का आह्वान करते हुए कहा कि आगे से इस मुद्दे पर कुछ बोलने से पहले कश्मीर के हालात को लेकर उसे अपनी समझ बढ़ानी होगी। भारत के लिए यह पूरी तरह से आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि मलेशिया को भी कुछ कहने से पहले मित्रतापूर्ण रिश्तों को ध्यान में रखना चाहिए और ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए। पाक पीएम इमरान खान ने लोगों को एलओसी की ओर मार्च करने पर रवीश कुमार ने कहा कि इमरान खान ने यूएनजीए में भी उत्तेजक और गैरजिम्मेदाराना बयानों का इस्तेमाल किया। मुझे लगता है कि वह नहीं जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों का संचालन कैसे किया जाए। सबसे गंभीर बात यह है कि उन्होंने भारत के खिलाफ जेहाद का खुला आह्वान किया जो सामान्य बात नहीं है। बता दें कि हाल ही में यूएनजीए में दो इस्लामिक राष्ट्रों तुर्की और मलेशिया ने कश्मीर मुद्दे को उठाया था।
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