नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 14वां दौर लगभग 13 घंटे तक चला. बुधवार सुबह चुशुल-मोल्दो में आरंभ हुई वार्ता रात करीब साढ़े 10 बजे समाप्त हुई. इस वार्ता के दौरान भारत की तरफ से फायर एंड फ्यूरी कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने नेतृत्व किया.
तीन माह से ज्यादा समय के बाद भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में विगत 20 महीने से जारी सैन्य गतिरोध को हल करने के प्रयास में जुटे हुए हैं. बताया जा रहा है कि वार्ता का मुख्य फोकस हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र को हल करने पर रहा. इंडियन आर्मी देपसांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान समेत तमाम गतिरोध वाले मुद्दों का समाधान करने पर जोर देगी. बता दें कि दोनों देशों के बीच 13वें दौर की बातचीत 10 अक्टूबर को हुई थी. दोनों पक्ष बातचीत के बाद इंडियन आर्मी के साथ वार्ता में कोई प्रगति नहीं हुई थी.
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर एक पुल बनाने के लिए भारत द्वारा चीन की आलोचना करने के कुछ दिनों बाद ताजा वार्ता हो रही है. पुल उस इलाके में है जो लगभग 60 वर्षों से चीन के अवैध कब्जे में है. पिछले सप्ताह, भारत ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के चीन के नाम बदलने को हास्यापद बताया था. सेना की तरफ से कहा गया था अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है और आगे भी रहेगा.
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