Feb 13 2018 03:43 PM
नई दिल्ली: कारो के प्रति देश में लोगो का नजरिया बदल रहा है. इस साल के ऑटो एक्सपो से मिले रुझान तो यही कह रहे है. ग्राहकों और कंपनियों के रुख को देखते हुए भारत से ‘सस्ती व छोटी कारों के बाजार’ अब उतना नहीं रहा जिसके लिए जाना जाता है.
मारुति सुजुकी के सीनियर एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (सेल्स व मार्केटिंग) आर. एस. कलसी का कहना है कि भारतीय ग्राहकों का मन वर्ष 2005 से ही बदलने लगा था, हमने तब पहली हैचबैक कार स्विफ्ट लांच की थी, जिसको दोबारा नए रंग रूप में लांच किया गया है, हमने पाया था कि इस गाड़ी के तकरीबन 60 फीसद खरीदार पहली बार कार खरीद रहे थे, यह ट्रेंड अब और मजबूत हो गया है, हमने अपनी नई एसयूवी ब्रेजा के साथ भी यह देखा है.'
इसके पीछे का कारण किसी भी देशी-विदेशी कंपनी की तरफ से आने वाले वर्षो में सस्ती व छोटी कारों को लांच करने की योजना का नहीं होना भी है, पिछले ढाई वर्षो में कोई भी छोटी कार लॉन्च नहीं हुई है, इसे जानकार भारतीय कार बाजार के परिपक्व होने के साथ ही आर्थिक प्रगति भी कह रहे है. पहली बार कार खरीदने वाला परिवार भी अब 800 सीसी की छोटी कार खरीदने के बजाय 1200 सीसी की छोटी कार या इतनी ही क्षमता की सेडान या हैचबैक खरीद रहा है, लिहाजा कार कंपनियों की भी रणनीति बदल गई है.
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