एफडीआई सीमा बढऩे से बीमा क्षेत्र में निवेश बढ़ा
एफडीआई सीमा बढऩे से बीमा क्षेत्र में निवेश बढ़ा
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मुंबई: 49 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने की बीमा कंपनी की लंबे समय से लंबित मांग को इस साल पूरा किया गया था। भारत के निजी संयुक्त उपक्रम में विदेशी धन के अधिक प्रवाह के लिए यह अग्रणी कदम है। 2016 के दौरान  6,000 करोड़ रुपये अधिक निवेश आने की उम्मीद है।

विदेशी संस्थाओं ने निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए बीमा कानून (संशोधन) विधेयक मार्च मे संसद द्वारा पारित किया गया था जिसमे निवेश की ऊपरी सीमा 26 से 49 प्रतिशत की गई थी। कानून पारित होने के तुरंत बाद, विदेशी निवेशकों को अपने इक्विटी होल्डिंग्स बढ़ाना ठीक लगा। 

फ्रांस की एक्सा, ब्रिटेन की बूपा सहित जापान की निप्पन लाइफ इंश्योरेंस ने, संबंधित संयुक्त उद्यम में हिस्सेदारी बढ़ाने की घोषणा की है। एक्सा, भारती एंटरप्राइजेज के साथ 1,300 करोड़ रुपये की विदेशी पूंजी प्रवाह के लिए अग्रणी है। जिसमे जीवन और गैर-जीवन बीमा उपक्रम दोनों शामिल है।

जापान की निप्पन लाइफ इंश्योरेंस ने भी करीब 2,265 करोड़ रुपये में रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस से एक और 23 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की है। इसी समय, बूपा ने भी 191 करोड़ रुपये की मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस मे हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए की घोषणा की है।

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