आज हम आपको रावण के कुछ अधूरे सपनो के बारे में बताने जा रहे है जिन्हें वो पूरा तो करना चाहता था पर कर नहीं पाया . क्योंकि उसके सपने प्रकृति के विरुद्ध थे .आइये जानते है रावण के अधूरे सपनो के बारे -
1-रावण चाहता था कि सोने में सुगंध होनी चाहिए रावण दुनियाभर के सोने पर खुद कब्जा जमाना चाहता था. सोना खोजने में कोई परेशानी नहीं हो इसलिए वो उसमें सुगंध डालना चाहता था.
2-रावण चाहता था कि मानव रक्त का रंग लाल से सफेद हो जाए. जब रावण विश्वविजयी यात्रा पर निकला था तो उसने सैकड़ों युद्ध किए. करोड़ों लोगों का खून बहाया.सारी नदियां और सरोवर खून से लाल हो गए थे. प्रकृति का संतुलन बिगडऩे लगा था और सारे देवता इसके लिए रावण को दोषी मानते थे. तो उसने विचार किया कि रक्त का रंग लाल से सफेद हो जाए तो किसी को भी पता नहीं चलेगा कि उसने कितना रक्त बहाया है वो पानी में मिलकर पानी जैसा हो जाएगा.
3-रावण खुद काला था, इसलिए वो चाहता था कि मानव प्रजाति में जितने भी लोगों का रंग काला है वे गोरे हो जाएं, जिससे कोई भी महिला उनका अपमान ना कर सके.
4-रावण का इरादा था कि वो संसार से भगवान की पूजा की परंपरा को ही समाप्त कर दे ताकि फिर दुनिया में सिर्फ उसकी ही पूजा हो.