इस मामले में कोर्ट ने सुनाई आरोपियों को 7-7 साल की सजा
इस मामले में कोर्ट ने सुनाई आरोपियों को 7-7 साल की सजा
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भोपाल/ब्यूरो।  शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है। गुरुवार को राजधानी भोपाल में सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए तीन आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं घोटाले में बिचौलिए की भूमिका वाले आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया है। मामला साल 2013 में शिक्षक भर्ती का है।

सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार व्यापम द्वारा आयोजित MPRT- 2013 परीक्षा में फर्जीवाड़ा हुआ था। मामले में एसटीएफ ने जांच करते हुए एफआईआर दर्ज की थी। जुलाई 2015 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने व्यापम की परीक्षा घोटालों की जांच अपने हाथ में लेते हुए इस मामले में अगस्त 2015 में एफआईआर दर्ज की थी।

सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए 2019 में 4 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत में चार्जशीट पेश की थी। तब से मामले की सुनवाई चल रही थी। गुरुवार को 9 साल बाद मामले में सीबीआई का फैसला आया। गुरुवार को सुनवाई के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने तीन आरोपियों पूरन सिंह, लंकेश शर्मा, सतीश अर्गल को घोटाले में आरोपी माना। इसके बाद अंतिम फैसला देते हुए तीन आरोपियों पूरन सिंह, लंकेश शर्मा, सतीश अर्गल को 7-7 साल की सजा सुनाई। वहीं घोटाले में बिचौलिए की भूमिका वाले आरोपी को बरी कर दिया।

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