संसद में पीएम ने किया कांग्रेस पर वार, कहा- "5-5 दशक तक सिर्फ गरीबी हटाओ..."

संसद में पीएम ने किया कांग्रेस पर वार, कहा-
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संसद के चालू बजट सत्र का आज चौथा दिन कहा जा रहा है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के समय अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना से लेकर चीन मामले तक, भारतीय जनता पार्टी और गवर्नमेंट को जमकर घेर डाला. अखिलेश ने प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ के हादसे में मृतकों का आंकड़ा जारी करने की मांग की है. लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों की कार्यवाही अब भी चल रही है.

मने बचे लाखों करोड़ रुपये का इस्तेमाल शीश महल बनवाने के लिए नहीं, देश बनाने के लिए किया- पीएम:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथेनॉल ब्लेंडिंग से 100000 करोड़ रुपये किसानों के हाथ में जाने तक की बात बोली है और बोला है कि घोटाले न होने से भी लाखों करोड़ रुपये ही रह गए है जो जनता जनार्दन की सेवा कर रहे है. हमने बचे लाखों करोड़ रुपये का इस्तेमाल शीश महल बनाने के लिए नहीं हुआ है, देश बनाने के लिए किया है. इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट 1 लाख 80 हजार करोड़ था हमारे आने से पूर्व का है. आज 11 लाख करोड़ रुपया हो चुका है. इतना ही नहीं इसलिए राष्ट्रपति जी ने हिन्दुस्तान की नींव कैसे मजबूत होने लगी है, इसका वर्णन भी कर दिया है. रोड, हाईवे, रेलवे, ग्राम सड़क, सभी के लिए विकास की मजबूत नींव रख डाली है. सरकारी खजाने में बचत एक बात है, करना भी जरुरी है. हमने इस बात का भी ध्यान रखा है कि जनता को भी इसका लाभ प्रदान किया जा रहा है. जनता की जान बचाता है आयुष्मान. आयुष्मान भारत योजना, बीमारी के कारण लोगों का जो खर्च होता है, अब तक जिन्होंने बेनिफिट लिया है, उनका 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपया शेष रह गया है. हमने जन औषधि केंद्र खोले हैं जहां से दवाई लेने के कारण लोगों का तकरीबन  30 हजार करोड़ रुपया बचा है. यूनिसेफ का भी अनुमान है कि घर में शौचालय बना, उस परिवार को तकरीबन 70 हजार की बचत हो चुकी है. 

कबाड़ बेचकर सरकारी खजाने में आए आए थे इतने करोड़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोला है कि जब अधिक बुखार चढ़ जाता है तब भी लोग बोलते हैं और अधिक हताशा में भी. 10 करोड़ लोग जिनका हिन्दुस्तान में जन्म भी नहीं हुआ, वे योजनाओं का लाभ भी उठा रहे थे. हमने इनको हटाया और असली लाभार्थियों को खोज-खोज के लाभ पहुंचाने का अभियान चलाया. हिसाब लगाएं तो तीन लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बच गया. हाथ किसका था, नहीं कह रहा. हमने सरकारी खरीद में भी टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल करके दिखाया. जैम पोर्टल से जो खरीदी हुई, आम खरीदी से कम पैसे में खरीदी हुई और गवर्नमेंट के 1 लाख 15 हजार करोड़ की बचत कर चुके है. हमारी स्वच्छता अभियान का मजाक भी उड़ा देना, क्या-क्या नहीं कहा गया. सिर्फ सरकारी दफ्तरों से जो कबाड़ में बेच दिया गया वहीं 2300 करोड़ रुपये मिले हैं गवर्नमेंट को. महात्मा गांधी ट्रस्टी बोलते थे और बोलते थे कि संपत्ति जनता जनार्दन की है. हम इसकी पाई-पाई बचाने की कोशिश करते हैं.

राहुल गांधी पर पीएम मोदी का वार:  पीएम नरेंद्र मोदी ने बोला है कि कुछ नेताओं का फोकस अपने घर के स्टाइलिश बाथरूम पर है. हमारा ध्यान तो हर घर नल से जल पहुंचाने पर भी है. 12 करोड़ लोगों को नल से जल प्रदान किया. हमारा ध्यान गरीबों के घर बनाने पर ही है. जो लोग गरीबों की झोपड़ी में फोटो सेशन करवाते है, उनको गरीबों की बात बोरिंग ही लगती है. समस्या की पहचान करके छूट नहीं पाते. परेशानी का हल भी निकालना होता है. हमारा प्रयास परेशानी के समाधान ही होता है और हम समर्पित भाव से कोशिश कर रहे है. हमारे देश में एक पीएम हुआ करते थे, उनको मिस्टर क्लीन कहने का फैशन हो चुका था. उन्होंने एक परेशानी को पहचाना था और बोला  था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो गांव में 15 पैसा पहुंच जाता है. उस वक़्त तक तो पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज ही था. उन्होंने सार्वजनिक रूप से ये भी ये भी बोला था. बहुत गजब की हाथ की सफाई भी थी. देश ने हमें मौका प्रदान किया, हमने समाधान खोजने की कोशिश भी की. हमारा मॉडल है, बचत भी, विकास भी. जनता का पैसा, जनता के लिए. हमने जनधन, आधार  की जैन ट्रिनिटी बनाई और डीबीटी से देना शुरू किया और हमारे कार्यकाल में 40 करोड़ रुपये सीधे जनता के खाते में जमा किए. देश का दुर्भाग्य देखिए, सरकार कैसे और किसके लिए चलाई गईं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इतना बोलने पर विपक्ष की ओर से बैठे-बैठे सदस्यों ने टिप्पणी शुरू कर दी. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए  बोला कि ये ठीक नहीं है. आप उनको प्रोटेक्ट करना चाह रहे है.

हमने गरीबों को झूठे नारे नहीं दिए, सच्ची सेवा की: पीएम नरेंद्र मोदी- खबरों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर भी दे रहे है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14वीं बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा में यहां बैठकर शामिल होने को अपना सौभाग्य कहा है और इसके लिए जनता का आभार प्रकट कर दिया. उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि हम 2025 में हैं और 21 वीं सदी का एक चौथाई हिस्सा बीत चुका है. वक़्त तय करेगा कि इसमें क्या हुआ, कैसे हुआ. यदि हम राष्ट्रपति के संबोधन का बारीकी से अध्ययन करेंगे तो ये साफ दिखाई देता है कि एक नए हिन्दुस्तान के लिए आत्मविश्वास जगाने जैसा है. राष्ट्रपति का संबोधन विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देने वाला, नया विश्वास जगानेा वाला और जनसामान्य को प्रेरित करने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने नारे नहीं दिए, गरीबों की सच्ची सेवा की. अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा है कि पांच-पांच दशक तक झूठे नारे दिए गए. मिडिल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझ नहीं पाते. इसे समझने के लिए जज्बा चाहिए. मोदी को बहुत दुख के साथ कहना है कि कुछ लोगों के पास ये है ही नहीं.

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