गुलबर्ग हत्याकांड: 14 साल बाद आया फैसला, 24 दोषी करार
गुलबर्ग हत्याकांड: 14 साल बाद आया फैसला, 24 दोषी करार
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अहमदाबाद : वर्ष 2002 में हुए गोधरा गांड के बाद उपजे उपद्रव के दौरान गुलबर्ग सोसायटी हत्याकांड पर स्पेशल न्यायालय ने अपना निर्णय दिया। इस दौरान 24 लोगों को दोषी बताया गया। न्यायालय ने अपने फैसले में 24 लोगों को दोषी करार देने के बाद 36 लोगों को दोषमुक्त कर दिया। दरअसल गोधरा कांड के बद गुलबर्ग हत्याकांड में कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी के ही साथ 69 लोगों की हत्या दंगों में कर दी गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष न्यायालय को 31 मई तक अपना निर्णय सुनाने को कहा था।

सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में एसआईटी ने गुलबर्ग सोसायटी के मसले पर 66 लोगों को पकड़ लिया गया था। गिरफ्तार हुए लोगों में करीब 9 जमानत पर छोड़ दिया गया। दरअसल इस मामले में इसे बहुत ही अहम निर्णय माना जा रहा है। हालांकि उपद्रव के दौरान जाफरी की हत्या होने और इसमें अपना वाद लड़ने वाली उनकी पत्नी ने कहा है कि उन्हें फैसले से संतुष्टि तो है लेकिन उन्हें पूरी तरह से संतुष्टि नहीं है।

गुलबर्ग सोसायटी हत्याकांड गुजरात दंगों के 10 बड़े उपद्रवों में से एक है। आरोपियों में से एक बिपिन पटेल ने भाजपा का मौजूदा म्युनिसिपल काउंसल बताया जाता है। दरअसल यह निर्णय 14 वर्ष की लंबी अवधि के बाद आया है। इस उपद्रव में मारे गए 39 लोगों के शव सोसायटी में ही मिले थे मगर अन्य 30 लोगों के शव नहीं मिल पाए। अहसान जाफरी बुरहानपुर के निवासी थे। वे लोकसभा सांसद थे मगर इस उपद्रव में उनकी हत्या कर दी गई थी।

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