कर्नाटक के बड़े मठ और उनका वर्चस्व
कर्नाटक के बड़े मठ और उनका वर्चस्व
Share:

कर्नाटक में कल यानी 12 मई को मतदान किया जाना है. कर्नाटक की राजनीति नेताओं और मुद्दों से ज्यादा यहाँ के मठो से प्रभावित रहती है.  हर मठ को जाती विशेष के लोग मानते है और मठाधीशो का उन पर इतना प्रभाव है कि वे पूरे समुदाय के वोटों को प्रभावित करने का माद्दा रखते है. मठो में धार्मिक, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, अनाथालय और सामाजिक जीवन के कई और क्रियाकलाप होते है इस लिए इनका कर्नाटक के जन जीवन पर बहुत प्रभाव है.  मठ ये दावा करते हैं कि वे राजनीति से दूर रहते हैं मगर असलियत तो यह है कि इनकी दखल अंदाजी घरो से लेकर पंचायत और दिल्ली तक है. संसदीय चुनावों में इनका वर्चस्व चरम पर है. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी चीफ अमित शाह लगातार मठों में जाते रहे.

कर्नाटक के बड़े मठ -
-सिद्धगंगा मठ, तुमकुर जो लिंगायत समुदाय का मठ है, प्रदेश में लिंगायतों के की आबादी का 17-19% है. 
-दूसरे बड़े लिंगायत मठ में शामिल है श्रृंगेरी मठ, जिसका पूरे जिले में प्रभाव है. मुरुघा मठ चित्रदुर्ग जिले में स्थित है
-मदारा गुरु पीठ, चित्रदुर्ग के ज्यादातर अनुयायी दलितों के वंचित तबके मदीसा से ताल्लुक रखते हैं. 1.5 करोड़ मदीसा आबादी इसके अनुयायी है 
-आचंचनगिरी मठ, मंड्या जो वोक्कालिगा समुदाय के लिए महत्वपूर्ण, जो कर्नाटक की दूसरी सबसे बड़ी जाति की 12-15% आबादी का नेतृत्व करता है.  
-श्री कृष्ण मठ, उडुपी जिसे BJP के समर्थन में माना जाता है
-कनक गुरु पीठ, कागीनेल कुरुबा समुदाय तीसरी सबसे बड़ी जाति और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी ताल्लुक रखते हैं 

 

गौरतलब है कि मठो के वर्चस्व से कर्नाटक राजनीती कभी अछूती नहीं रही है और इस बार भी इनका असर 15 मई को आने वाले चुनाव परिणामों पर साफ देखने को मिलेगा .

 

कर्नाटक: मतदान कल

टीपू सुल्‍तान की जयंती मनाने वालों को मिलेगी हार : अमित शाह

शाह का दावा- कर्नाटक चुनावों में 130 से ज्यादा सीटें जीतेगी बीजेपी

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -