गणेश चतुर्थी के दिन गणेश उत्सव शुरू होता है, जो 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान गणपति की स्थापना की जाती है और उन्हें खुश करने के विभिन्न उपाय किए जाते हैं। मंदिरों और घरों में गणपति की स्थापना से वातावरण सज जाता है। दसवें दिन, अनंत चतुर्दशी को गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। हालांकि, कुछ लोग अपने घरों में गणपति का विसर्जन पहले भी कर सकते हैं। आमतौर पर विसर्जन नदी, झील या तालाब में किया जाता है, लेकिन पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनजर, इसे घर पर भी किया जा सकता है। विसर्जन के पानी को आप गमलों में डाल सकते हैं।
घर पर विसर्जन कैसे करें
विसर्जन की तैयारी:
विसर्जन के लिए आप एक बड़ा टब या बाल्टी का उपयोग कर सकते हैं। अगर गणपति की मूर्ति छोटी है, तो बाल्टी पर्याप्त होगी। बच्चों के स्वीमिंग पूल का भी उपयोग किया जा सकता है। सुनिश्चित करें कि उपयोग की गई वस्तु नई या साफ हो।
मिट्टी वाले गणपति का विसर्जन:
गणपति की मूर्ति के आकार के अनुसार एक बाल्टी भरें। पानी इतना डालें कि गणपति पूरी तरह से डूब जाए। बाल्टी को फूलों या फ्लोटिंग दियों से सजाया जा सकता है। विसर्जन के बाद, मूर्ति 24 घंटे में पूरी तरह से घुल जाएगी। फिटकरी से बनी मूर्तियों का भी इसी प्रकार विसर्जन किया जा सकता है और इन्हें घुलने में अधिक समय नहीं लगेगा। पानी को शुद्ध करने के लिए गंगा जल भी डाला जा सकता है।
विसर्जन के पानी का उपयोग:
विसर्जन के बाद पानी को इधर-उधर न फेंकें। इसे किसी पेड़ के नीचे या गमले में डाल सकते हैं। इसके अलावा, इसे गार्डन में भी उपयोग किया जा सकता है।
इस प्रकार, आप पर्यावरण की रक्षा करते हुए घर पर गणपति का विसर्जन कर सकते हैं।
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