लखनऊ: IIT कानपुर ने अमेरिका की MIT इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर एक खास डिवाइस तैयार किया है. ये डिवाइस गंदे पानी को साफ करने का काम करेगा. इसकी मदद से महज दो रुपये की लागत पर एक लीटर पानी को साफ किया जा सकेगा. इस डिवाइस के लिए IIT कानपुर को USA की MIT इंस्टीट्यूट के साथ पटेंट (patent) भी मिला है.
दूषित पानी की समस्या अधिकतर इलाकों में बड़ी समस्या है. इसके लिए IIT कानपुर ने एक नया डिवाइस तैयार किया है, जो न केवल दूषित पानी को साफ कर सकता है बल्कि पानी की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग भी इससे की जा सकती है. इसके लिए IIT कानपुर को USA की MIT इंस्टीट्यूट के साथ संयुक्त तौर पर इसका पेटेंट भी दिया गया है. ‘A vessel and a method for purifying water and monitoring quality of water’ नाम के इस उपकरण की सबसे ख़ास बात ये है कि ये काफी सस्ता है.
IIT कानपुर के डिपार्टमेंट ऑफ अर्थ साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर इंद्र शेखर सेन, IIT के पूर्व स्टूडेंट और कृतसनम टेक्नोलॉजी के श्री हर्षा ने इसे विकसित किया है. इनके अलावा MIT के एमिली बैरेट हैनहोसेर, भारतीय इंजीनियर रोहित एन कर्णिक, जॉन हार्ट, माइकल बोनो और चिंतन वैष्णव ने भी इस डिवाइस को डेवलप करने में सहायता की है.
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