बेंगलुरु : फ्लिपकार्ट पर चल रहे ज्वाइनिंग विवाद में आईआईएम अहमदाबाद के बाद अब आईआईएम बेंगलुरु भी शामिल हो गया है। ई-कॉमर्स कंपनी द्वारा सेलेक्टेड छात्रों की ज्वाइनिंग में 6 माह की देरी को देखते हुए बेंगलुरु ने भी नए सिरे से जॉब तलाशना शुरु कर दिया है।
संस्थान ऐसा उन छात्रों के लिए कर रहा है, जो इतने समय तक इंतजार नहीं कर सकते। संस्थान की हेड करियर डेवलपमेंट सपना अग्रवाल के मुताबिक फ्लिपकार्ट की ओर से देरी किए जाने का असर छात्रों पर पड़ रहा है। 20 छात्रों को आईआईएम बेंगलुरु से चयनित किया गया था।
जिसमें से 11 फ्लिपकार्ट और 9 अन्य ई-कॉमर्स कंपनी के लिए सेलेक्ट हुए थे। फ्लिपकार्ट द्वारा दिसंबर में ज्वाइनिंग कराए जाने की बात से छात्र काफी निराश है। आईआईएम एडमिनिस्ट्रेशन स्टूडेंट्स को समझा भी रहा है कि 6 महीने का वक्त बहुत ज्यादा नहीं होता।
लेकिन स्टूडेंट्स अपने जॉब को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि चूंकि ये स्टार्ट-अप है, इस वजह से डिले होने का उनके करियर पर असर पड़ सकता है। इस मामले में फ्लिपकार्ट ने कहा है कि हमें कैंडिडेट को सिलेक्ट कर भर्ती करने का राइट है, लेकिन हम मुआवजे को नहीं बढ़ा सकते।
साथ ही ये भी कहा कि ये पहली बार नहीं है कि चुने गए कैंडिडेट्स को इस तरह का सामना करना पड़ा हो। कंपनी ने जून 2016 तक ज्वाइनिंग देने का वाद किया था। इस लेटर को आईआईएम के सभी ब्रांचो में भी भेजा गया है। दरअसल इस देरी की वजह कंपनी द्वारा खर्चो में की जा रही कटौती को बताया जा रहा है।
कंपनी ने कुछ कैंडिडेट्स को 20 लाख के पैकेज पर सिलेक्ट किया था। अगर उन्हें दिसंबर में ज्वॉइनिंग मिलती है तो स्टूडेंट्स को करीब 10 लाख का नुकसान झेलना पड़ेगा।