यदि आप में भी दिखा रहे है ये लक्षण तो हो जाएं सावधान
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टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) एक संक्रामक रोग है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) बैक्टीरिया के कारण होता है। यह रोग आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन इसका प्रभाव शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है जैसे की हड्डियां, नसों, लिंग आदि। टीबी के लक्षण में सामान्यतः खांसी, थकान, भूख कम होना, वजन कम होना, बुखार और रात में पसीना आना शामिल होते हैं।

टीबी की उपचार और नियंत्रण के लिए अस्पताल में उपचार, दवाओं का उपयोग और संगठित टीबी नियंत्रण कार्यक्रम (DOTS) जैसी योजनाएं अपनाई जाती हैं। समय पर उचित उपचार और संगठनित तरीके से इलाज करने से टीबी पूर्णतः ठीक हो सकती है। इसलिए, संबंधित लक्षणों के लिए चिकित्सा परामर्श करना और उचित उपचार करवाना महत्वपूर्ण होता है।

टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

खांसी: लंबे समय तक जारी रहने वाली खांसी, जो कफ के साथ रंग बदल सकती है।

थकान: असामान्य थकान और शारीरिक कमजोरी का अनुभव हो सकता है।

भूख कम होना: अचानक भूख कम होने और वजन घटने की स्थिति हो सकती है।

बुखार: आंतरिक गर्मी और तापमान बढ़ने के साथ उच्च तापमान (बुखार) की स्थिति हो सकती है।

पसीना आना: रात में अधिक पसीना आने की समस्या हो सकती है।

सांस लेने में तकलीफ: सांस लेने में तकलीफ, सांस फूलने की अनुभवित हो सकती है।

टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) का उपचार आमतौर पर एक दवा की कोर्स (दवा का समयबद्ध खुराक) के रूप में किया जाता है। यह उपचार साधारणतया दवा की कम से कम 6 महीने तक चलता है, जिसमें व्यक्ति को नियमित रूप से दवाएं लेनी होती हैं। टीबी के उपचार में आमतौर पर निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:

टीबी की पहचान: सबसे पहले टीबी का पता लगाना आवश्यक होता है। इसके लिए चिकित्सा विशेषज्ञ आपकी जांच करेंगे, जिसमें रुग्ण का इतिहास, खुराक पूछा जाएगा और पाठोलॉजी टेस्ट, रेंटजेन, कंप्यूटरीकृत टोमोग्राफी (CT) स्कैन, स्पुटमिक्रोस्कोपी आदि जैसे विभिन्न टेस्ट आपकी जांच में शामिल हो सकते हैं।

दवाओं का उपयोग: टीबी के उपचार में विशेष दवाएं (एंटीटाबीयोटिक्स) का उपयोग किया जाता है। यह दवाएं कम से कम 6 महीने तक नियमित रूप से ली जाती हैं। दवाओं की सही खुराक और खानपान के साथ इन दवाओं को नियमित रूप से लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

टीबी नियंत्रण कार्यक्रम (DOTS): सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में टीबी नियंत्रण कार्यक्रम (DOTS) नामक एक योजना होती है, जिसमें टीबी रोगियों को दवाओं की निशुल्क आपूर्ति और नियमित खुराक देने के लिए एक संगठित प्रणाली प्रदान की जाती है। इससे टीबी के उपचार का प्रभावशीलता और पाठक्रम का पालन सुनिश्चित होता है।

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