कर्नाटक और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित ऐतिहासिक शहर बेलगाम, जिसे कन्नड़ में बेलागामा, बेलगांव और सरकारी रिकॉर्ड में बेलगावी के नाम से जाना जाता है, पश्चिमी घाट के बीच बसा हुआ है। यह शहर कर्नाटक राज्य की दूसरी राजधानी है, जहां 11 अक्टूबर 2012 को 'सुवर्ण विधान सौधा' नामक प्रशासनिक भवन का निर्माण किया गया था। बेलगाम भारत के टॉप 20 स्मार्ट सिटी में शामिल है और इसे ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों के रूप में भी जाना जाता है। आइए जानते हैं बेलगाम के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में:
बेलगाम का किला ऐतिहासिक महत्व का एक प्रमुख स्थल है। इसे राज्य विरासत स्मारक का दर्जा प्राप्त है। यह किला एक समय में दुश्मनों के हमलों से रक्षा करने वाला अभेद्य किला माना जाता था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी को भी यहां कैद में रखा गया था। किले में स्थित बेलगाम झील सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण रही है। यहां एक फ्लोटिंग कैफे हाउस भी है और पर्यटक पैडल बोट और मोटर बोट का आनंद ले सकते हैं।
गोकक फॉल्स, पश्चिमी घाट की ऊंची चट्टानों से गिरते पानी के लिए प्रसिद्ध है। 170 फीट ऊंचे इस झरने का आनंद लेने के लिए एक सस्पेंशन पुल बनाया गया है, जिससे झरने की पानी की बूंदें हवा में तैरती हैं। यह झरना शहर से लगभग 60 किमी दूर है और इसके चारों ओर हरियाली इसे और भी आकर्षक बनाती है।
यह आश्रम आध्यात्मिक शांति की खोज में आने वाले पर्यटकों के लिए आदर्श स्थान है। इसे स्वामी विवेकानंद ने 1852 में स्थापित किया था और यहां उन्होंने 9 दिन बिताए थे। आश्रम में रहने और खाने की व्यवस्था उपलब्ध है।
कमल बस्ती, जिसे कमल बसदी भी कहा जाता है, 10वीं सदी के शासक राल्ता राजाओं द्वारा निर्मित जैन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर में भगवान नेमिनाथ की मूर्ति स्थापित है और इसकी वास्तुकला चालुक्य शैली में की गई है।
फोर्ट लेक, किले के मां दुर्गा मंदिर के सामने स्थित है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और हरी-भरी हरियाली पर्यटकों को आकर्षित करती है। सूर्यास्त का दृश्य यहाँ बैठकर देखना एक अनूठा अनुभव होता है।
1955 में भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एस.एम. श्रीनागेश द्वारा बनवाया गया यह मंदिर शिव भक्तों के बीच लोकप्रिय है। यहां शिवरात्रि पर विशेष मेले का आयोजन होता है और हर सोमवार को पंचामृत पूजा की जाती है।
बेलगाम से 15 किमी दूर स्थित गोडचिनमलाकी झरना, मार्कंडेय नदी पर है। यह झरना दो चरणों में गिरता है और यहां तैरना खतरनाक हो सकता है। लेकिन, झरने की फुहारों का आनंद लिया जा सकता है।
वज्रपोहा का झरना 660 फीट की ऊंचाई से गिरता है। इसे जंगल से दूर से देखा जा सकता है और यहां तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग की जरूरत होती है।
येल्लूर का किला, जिसे राजहंसगढ़ किला भी कहते हैं, विभिन्न शासकों द्वारा शासित रहा है। किले से घाटी के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं और किले के अंदर एक शिव मंदिर भी है।
बेलगाम घूमने के लिए मानसून (जुलाई से अक्टूबर) और सर्दी (नवंबर से मार्च) का मौसम सबसे अच्छा रहता है। मानसून में शहर की हरियाली देखने को मिलती है, जबकि गर्मी (अप्रैल से जून) के दौरान मौसम बहुत गर्म हो जाता है, जिससे यात्रा कठिन हो सकती है।
बेलगाम की यात्रा का आनंद लें और इन ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों का भरपूर मजा लें!
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